चुनाव में वोटों के लिए मंहगाई राहत शिविरों का किया जा रहा है राजनीतिकरण : भदेल

'मंहगाई राहत शिविर में सौ यूनिट माफ की बात भी बेमानी रहेगी'

चुनाव में वोटों के लिए मंहगाई राहत शिविरों का किया जा रहा है राजनीतिकरण : भदेल

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर शिविरों का समय भीषण गर्मी वाले मई-जून का रखा क्योंकि इस समय खपत ज्यादा होती है और करीब करीब सभी के बिजली बिल सौ यूनिट से ऊपर आयेंगे।

अजमेर। राजस्थान की पूर्व मंत्री अनिता भदेल ने राज्य की कांग्रेस सरकार को विफल सरकार बताते हुए कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में वोटों के लिये मंहगाई राहत शिविरों का राजनीतिकरण किया जा रहा है।

अजमेर दक्षिण विधायक भदेल ने पत्रकारों को बताया कि गहलोत सरकार पर नाकामियों का आरोप लगाते कहा कि अजमेर में पानी है, बीसलपुर भरा है। बावजूद इसके शहर को पानी नहीं दिया जा रहा। चुनावी घोषणा पत्र में बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने और बजट घोषणा में राहत की बात थोथी साबित हो रही है। फ्यूल चार्ज बढ़ा इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। मंहगाई राहत शिविर में सौ यूनिट माफ की बात भी बेमानी रहेगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर शिविरों का समय भीषण गर्मी वाले मई-जून का रखा क्योंकि इस समय खपत ज्यादा होती है और करीब करीब सभी के बिजली बिल सौ यूनिट से ऊपर आयेंगे। ऐसे में सौ से एक यूनिट ऊपर आने पर उसे लाभ नहीं मिल सकेगा।

इस अवसर पर शहर भाजपा अध्यक्ष रमेश सोनी ने भी वर्तमान कांग्रेस सरकार पर पदलोलुपता का आरोप लगाते कहा कि गहलोत सरकार दो फाड़ है। उनके मंत्री सरकार पर आरोप लगा रहे है। चुनावी साल में महंगाई राहत शिविर जनता को पंजीयन के नाम पर प्रताडि़त कर रहे है । ऐसी योजनाएं केंद्र अथवा पूर्ववर्ती राज्य सरकार की देन जिनका नाम बदल कर वोटों को बटोरने का कुतिस प्रयास व जनता के लिए भ्रमजाल है। उन्होंने कहा कि अजमेर ही नहीं प्रदेश में पेयजल व्यवस्था रामभरोसे है। अजमेर के लिये शहर भाजपा सरकार की नाकामी के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन व आन्दोलन की तैयारी कर रही है।

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