डीके शिवकुमार दिल्ली पुलिस की ओर से भेजे गए समन पर हैरान, ईओडब्ल्यू कार्रवाई पर उठाए सवाल
आरोपपत्र के बाद नोटिस पर भड़के डीके शिवकुमार
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने ईडी के आरोपपत्र के बाद दिल्ली पुलिस की ईओडब्ल्यू नोटिस पर हैरानी जताई। उन्होंने इसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाने वाला राजनीतिक उत्पीड़न बताया और कहा कि मामले की वैधता को अदालत में चुनौती दी जाएगी।
बेंगलुरु। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लयू) द्वारा उन्हें नोटिस जारी करने पर हैरानी व्यक्त की। उपमुख्यमंत्री ने इसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाने वाला राजनीति से प्रेरित उत्पीड़न करार दिया। उन्होंने कहा, यह चौंकाने वाला है। मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी, क्योंकि ईडी पहले ही मुझे समन भेज चुकी थी और मैंने उनके सभी सवालों का जवाब दिया था।
मामला दर्ज करने की वैधता पर सवाल
शिवकुमार ने ईडी द्वारा अपनी जांच पूरी करने के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा एक अलग मामला दर्ज करने की वैधता और आवश्यकता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, आरोपपत्र ईडी द्वारा दाखिल किया जा चुका है। तो फिर पुलिस एक और मामला कैसे दर्ज कर सकती है? यह एक बहुत बड़ा कानूनी सवाल उठाता है, जिसे हम अदालत में उठाएंगे। पुलिस ने उन्हें यह दावा करते हुए समन भेजा कि शिवकुमार के पास नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी है। जिसमें राहुल गांधी और अन्य शामिल हैं।
ईडी के सभी समन का पूरी तरह से पालन किया
शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने और उनके भाई ने ईडी के सभी समन का पूरी तरह से पालन किया है और पूरी जानकारी उपलब्ध कराई है। उन्होंने जोर देकर कहा, कुछ भी गलत नहीं है। यह हमारी संस्था है और कांग्रेस सदस्य के रूप में हमने हमेशा इसका समर्थन किया है। सब कुछ स्पष्ट है, कुछ भी छिपा नहीं है। उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई अनावश्यक है और सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को केवल परेशान करने के लिए है। उन्होंने कहा, हम अपना टैक्स चुकाते हैं और हमारा फंड पूरी तरह से पारदर्शी है। मामला पहले ही खत्म हो चुका है।
आरोपपत्र दाखिल हो चुका है। तो वे और क्या कर सकते हैं? यह भ्रम पैदा करने और पार्टी सदस्यों को डराने की कोशिश लगती है।
राजनीतिक दबाव बनाने के लिए किया गया उत्पीड़न बताया शिवकुमार ने इस कदम को राजनीतिक दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया उत्पीड़न बताया। उन्होंने कहा, ईडी के आरोपपत्र के बाद पुलिस को मामला दर्ज करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। हम इससे कानूनी रूप से लड़ेंगे और इसे अदालत में चुनौती देंगे। यह उत्पीड़न के अलावा और कुछ नहीं है। कांग्रेस नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि‘विचाराधीन निधि’उनकी संस्था से संबंधित है और उसका प्रबंधन पारदर्शी तरीके से किया जाता है। उन्होंने कहा, यह हमारा पैसा है। हम जिसे चाहें उसे दे सकते हैं और हम इस पर टैक्स चुकाते हैं। सब कुछ नियमानुसार है। कोई गलती नहीं है।

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