भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित करने की धमकी
तदर्थ समिति के गठन को 33 दिन हुए, 45 दिन में चुनाव नहीं हुए तो खिलाड़ियों को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने कहा कि वह पहलवानों के हिरासत की कड़ी निंदा करता है। वह अब तक की जांच के परिणामों की कमी पर अपनी निराशा व्यक्त करता है। साथ ही संबंधित अधिकारियों से आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का आग्रह करता है।
नई दिल्ली। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान भारत के शीर्ष पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की है और रेसलिंग फेडरेशन आफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) को निलंबित करने की धमकी दी है। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने कहा कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कथित तौर पर कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने वाले पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर नजर रखे हुए है।
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने कहा कि वह पहलवानों के हिरासत की कड़ी निंदा करता है। वह अब तक की जांच के परिणामों की कमी पर अपनी निराशा व्यक्त करता है। साथ ही संबंधित अधिकारियों से आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का आग्रह करता है।
खेल मंत्रालय ने बनाई थी तदर्थ समिति
भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ को भारतीय कुश्ती महासंघ की कार्यकारी समिति के गठन के 45 दिनों के भीतर चुनाव कराने के लिए एक समिति बनाने के लिए कहा था। 27 अप्रैल को महासंघ के दिन-प्रतिदिन के मामलों को चलाने और चुनाव कराने के लिए दो सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया गया था। तदर्थ समिति का गठन हुए 33 दिन हो चुके हैं।
समय पर एजीएम नहीं कराई तो प्रतिबंध लगेगा
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने कहा कि अगर वह समय पर आम सभा आयोजित करने में विफल रहती है तो वह राष्ट्रीय महासंघ पर प्रतिबंध लगा देगी। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग राष्ट्रीय महासंघ की तदर्थ समिति से अगली आम सभा के बारे में और जानकारी का अनुरोध करेगा। इस चुनावी सभा को आयोजित करने के लिए शुरू में निर्धारित 45 दिनों की समय सीमा का सम्मान किया जाएगा। ऐसा करने में विफल रहने पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डबल्यूएफआई) को निलंबित करना पड़ सकता है, जिससे एथलीट्स को एक तटस्थ ध्वज के तहत प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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