बांसवाड़ा-जैसलमेर में सबसे ज्यादा ग्रामीण वोटर्स पहुंचे मतदान केंद्र, शहर में हनुमानगढ़-बारां अव्वल
75.68 ग्रामीण वोटर्स ने डाले वोट, शहरी क्षेत्रों में 71.23 प्रतिशत हुई वोटिंग
राजस्थान विधानसभा चुनाव में शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक वोटर्स मतदान केंद्र पहुंचे।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक वोटर्स मतदान केंद्र पहुंचे। विधानसभा चुनाव में सभी 33 जिलों में शहरी क्षेत्रों के 71.23 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 75.68 प्रतिशत मतदाता मतदान केंद्र पहुंचे। बांसवाड़ा और जैसलमेर में सबसे ज्यादा ग्रामीण वोटर्स घरों से वोट डालने के लिए घरों से निकले। वहीं शहरी क्षेत्रों में हनुमानगढ़ और बारां में सबसे ज्यादा मतदाताओं ने वोट डाले। राजनीतिक पार्टियां शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत का अपने-अपने हिसाब से आंकलन कर रही हैं। कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्र में अधिक वोटिंग को अपने पक्ष में भाजपा की तुलना में अधिक बेहतर मान रही है। भाजपा भी इसे मोदी लहर से जोड़ते हुए अपने पक्ष में मानकर चल रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में यहां सबसे ज्यादा वोटिंग
सर्वाधिक बांसवाड़ा में 84.32 प्रतिशत वोटिंग हुई। इसके अलावा जैसलमेर में 83.36 प्रतिशत, प्रतापगढ़ में 82.97 प्रतिशत, चित्तौड़गढ़ में 82.06 प्रतिशत, झालावाड़ में 81.91 प्रतिशत, बारां में 80.70 प्रतिशत, श्रीगंगानगर में 80.47 प्रतिशत, धौलपुर में 79.75 प्रतिशत, कोटा में 79.28 प्रतिशत और जयपुर में 78.08 प्रतिशत वोटिंग हुई। जोधपुर जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में 72.03 प्रतिशत मतदान हुआ।
शहरी क्षेत्रों में यहां सबसे ज्यादा वोटिंग
शहरी क्षेत्रों में सर्वाधिक हनुमानगढ़ में 76.65 प्रतिशत वोटिंग हुई। इसके अलावा बारां में 76.29 प्रतिशत, दौसा में 74.39 प्रतिशत, बूंदी में 74.28 प्रतिशत, कोटा में 74.05 प्रतिशत, नागौर में 74.02 प्रतिशत, टोंक में 73.28 प्रतिशत और जैसलमेर में 73.19 प्रतिशत वोटिंग हुई। जोधपुर जिले में 67.40 प्रतिशत और झालावाड़ जिले में 72.60 प्रतिशत वोटिंग हुई।
ग्रामीण वोटर्स पर अपने-अपने फैक्टर
कांग्रेस ने ग्रामीण वोटर्स की अधिक वोटिंग पर गहलोत सरकार की योजनाओं और सात गारंटी को मुख्य कारण बताया है। घोषणा पत्र में शामिल घोषणाओं को भी बड़ा कारण माना है। चिरंजीवी योजना, 400 रुपए में गैस सिलेंडर, किसानों को दो हजार यूनिट तक फ्री बिजली, कर्ज माफ और आगामी दिनों में ब्याज मुक्त लोन जैसी घोषणाओं के दम पर कांग्रेस ने वोटर्स का पार्टी की तरफ रुझान माना है। भाजपा ने भी किसान कर्जमाफी पर अपने वादे और ग्रामीण वोटर्स के लिए की घोषणाओं के अलावा मोदी फैक्टर को आधार माना है।
पिछले चुनाव की तुलना में इस बार शहरी क्षेत्रों में पड़े ज्यादा वोट
वर्ष 2018 विधानसभा चुनावों में मिले शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के वोट प्रतिशत से तुलना करें तो इस बार शहरी वोटिंग में 0.97 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 0.29 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। शहरी क्षेत्रों में इस चुनाव में 71.23 प्रतिशत वोटिंग और वर्ष 2018 में 70.26 प्रतिशत वोटिंग हुई। ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत की बात करें तो इस साल ग्रामीण क्षेत्रों में 75.67 प्रतिशत और पिछले चुनाव में 75.39 प्रतिशत वोटिंग हुई। ग्रामीण क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव 2018 में बांसवाड़ा, हनुमानगढ़, जैसलमेर, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, प्रतापगढ़ जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई। वहीं शहरी क्षेत्रों में हनुमानगढ, जैसलमेर, गंगानगर, बारां, दौसा, टोंक, नागौर, चित्तौड़गढ़, बूंदी जिलों में भी जमकर वोटिंग हुई थी।
प्रदेश में इस प्रकार हुआ मतदान
जिला शहरी वोट ग्रामीण वोट
अजमेर 68.60 75.48
अलवर 71.01 75.55
बीकानेर 71.18 76.46
बूंदी 74.28 77.89
दौसा 74.39 74.36
धौलपुर 73.13 79.75
डूंगरपुर 65.60 75.98
श्रीगंगानगर 73.78 80.47
हनुमानगढ़ 76.65 67.57
जयपुर 72.67 78.08
जालौर 70.64 69.70
जोधपुर 67.40 72.03
करौली 67.72 69.55
कोटा 74.05 79.28
नागौर 74.02 72.15
पाली 70.00 64.59
राजसमंद 70.99 73.48
सिरोही 65.47 68.98
सवाईमाधोपुर 66.98 71.10
टोंक 73.28 72.94
उदयपुर 67.80 75.73
बाड़मेर 71.65 77.88
भीलवाड़ा 69.26 77.23
चित्तौड़गढ़ 72.46 82.06
झालावाड़ 72.60 81.91
झुंझुनूं 68.95 73.15
प्रतापगढ़ 71.65 82.97
सीकर 70.92 73.64
भरतपुर 68.60 72.58
जैसमलेर 73.19 83.36
चूरू 70.69 77.67
बारां 76.29 80.70
बांसवाड़ा 67.05 84.32
कुल 71.23 75.68
(मतदान प्रतिशत में)
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