गोताखोरों को दो साल बाद भी नहीं मिली इनाम राशि

नाबालिग छात्रा की हत्या मामले में आरोपी का तलाश किया था मोबाइल

गोताखोरों को दो साल बाद भी नहीं मिली इनाम राशि

घोषणा कर भूले पुलिस अधिकारी, दो साल में बदले दो एसपी

कोटा। रामपुरा कोतवलाी थाना क्षेत्र में दो साल पहले नाबालिग छात्रा की हत्या के मामले में आरोपी का मोबाइल तलाशने वाले निगम के गोताखोरों  को अभी तक भी इनाम की राशि नहीं मिली है। जबकि पुलिस अधिकारियों ने इनाम देने की घोषणा की थी। उसके बाद वे इनाम देना भूल गए। जबकि दो साल में दो एसपी बदल गए। फरवरी 2022 में ट्यूशन टीचर गौरव जैन ने अपनी छात्रा की हत्या कर दी थी। उसके बाद उसके शव को अपने ही कमरे में बंद कर फरार हो गया था। आरोपी की तलाश के लिए पुलिस की टीमें तो प्रयास कर ही रही थी। उसी बीच आरोपी को तलाश करने वाली पुलिस टीम को इनाम देने की घोषणा की गई थी। पुलिस की साइबर टीम की सहायता से आरोपी को तलाश कर गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने अपना मोबाइल किशोर सागर तालाब में फेकना बताया था। उस मोबाइल को तलाश करने के लिए तत्कालीन एपी केसर सिंह शेखावत ने नगर निगम के गोताखोरों को बुलाया था। एसपी के आदेश पर निगम के गोताखोर विष्णु श्रृंगी की टीम ने तालाब से मोबाइल बरामद किया था। 25 फरवरी 2022 को तत्कालीन एसपी केसर सिंह ने पुलिस और निगम के गोताखोरों की प्रशंसा की थी। उस समय घोषित इनाम राशि में से एसपी ने साइबर सेल प्रभारी प्रताप सिंह को 1.51 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी। साथ ही निगम के गोताखोरों के लिए भी इनाम घोषित किया था। जिसमें विष्णु श्रृंगी को 21 हजार रुपए और टीम के 20 सदस्यों में से प्रत्येक को 11-11 हजार रुपए देने की घोषणा की थी। 

पुलिस टीम को दिया, गोताखोरों को भूले
तत्कालीन एसपी केसर सिंह द्वारा घोषित इनाम राशि में से उस समय हैड कांस्टेबल प्रताप सिंह समेत अन्य पुलिस कर्मियों को तो इनाम की वह राशि उस समय दे दी गई थी। जबकि निगम के गोताखोरों को भूल गए। भूले भी ऐसा कि दो साल बीेतने के बाद अभी तक भी वह राशि गोताखोरों को नहीं दी गई है। जबकि इस बीच केसर सिंह शेखावत के बाद शरद चौधरी भी कोटा में एसपी रह गए। उन दोनों के जाने के बाद अब डॉ. अमृदा दुहन को शहर एसपी लगाया गया है। करीब एक साल पहले भी तत्कालीन एएसपी प्रवीण जैन ने भी गोताखोरों को इनाम राशि देने का आश्वासन दिया था। उनका भौ यहां से स्थानांतरण हो गया। उनके बाद भगवत सिंह हिंगड़ भी आकर चले गए। वर्तमान में संजय गुप्ता एएसपी शहर के पद पर कार्यरत हैं। लेकिन गोताखोरों के इनाम की किसी को याद नहीं है। 

इनका कहना है
नगर निगम के गोताखोरों का काम डूबतों को बचाना है। नदी तालाब व जंगल जैसी खतरनाक जगहों पर गोताखोर काम कर रहे हैं। दो साल पहले भी छात्रा की हत्या के आरोपी का मोबाइल तालाब से तलाश किया था। तत्कालीन एसपी के आदेश पर वह काम किया। उन्होंने ही गोताखोरों को इनाम देने की घोषणा की थी। गोताखोरों ने कभी न तो इनाम की मांग की और न ही लालसा। लेकिन एसपी ने पुलिस टीम व गोताखोरों को एक साथ इनाम देने की घोषणा की भी। पुलिस टीम को तो वह इनाम दे दिया। लेकिन गोताखोरों को दो साल बाद भी इनाम की राशि नहीं दी गई है। इनाम की घोषणा ही नहीं की जाए। यदि की गई है तो उसे दिया जाए। जिससे मामूली मानदेय पर काम करने वाले गोताखोरों का उत्साह बढ़ सके।  
- विष्णु श्रृंगी, गोताखोर नगर निगमण 

गोताखोरों को इनाम की घोषणा के बारे में जानकारी नहीं है। घोषणा के बाद इनाम नहीं मिला इस बारे में पता करेंगे। यदि ऐसा है और उस इनाम को दिलाने के लिए उच्चाधिकारियों से चर्चा की जाएगी। 
- संजय गुप्ता, एएसपी कोटा शहर

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