जुलाई में नोवावैक्स का बच्चों पर ट्रायल, सीरम इंस्टीट्यूट सितंबर में लॉन्च करेगी वैक्सीन
अमेरिका की कंपनी नोवावैक्स वैक्सीन का व्यस्कों पर प्रभावी असर देखने के बाद जुलाई से बच्चों पर इसका परीक्षण किया जाएगा। इसे भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) कोवावैक्स के नाम से बनाएगा। कंपनी ने बताया कि सितंबर तक वैक्सीन को भारत में लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही जुलाई से बच्चों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की योजना है।
नई दिल्ली। अमेरिका की कंपनी नोवावैक्स वैक्सीन का व्यस्कों पर प्रभावी असर देखने के बाद जुलाई से बच्चों पर इसका परीक्षण किया जाएगा। इसे भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) कोवावैक्स के नाम से बनाएगा। कंपनी ने बताया कि सितंबर तक वैक्सीन को भारत में लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही जुलाई से बच्चों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की योजना है। कंपनी ने बताया कि ब्रिटेन में हुए नोवावैक्स के तीसरे फेज के ट्रायल के नतीजे आ चुके हैं। यह वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ काफी असरदार साबित हुई है। वैक्सीन ने माइल्ड, मॉडरेट और सीवर डिजीज में 90.4 फीसदी फाइनल एफिकेसी दिखाई है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल भी नोवावैक्स के ट्रायल्स के नतीजों से उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि भारत में इसका क्लिनिकल ट्रायल आखिरी दौर में है। इसके नतीजे उम्मीद और उत्साह बढ़ाने वाले हैं। पॉल ने कहा कि सार्वजनिक तौर पर नोवावैक्स से जुड़े जो आंकड़े मौजूद हैं वह बताते हैं कि यह वैक्सीन सुरक्षित और बहुत ही ज्यादा असरदार है।
विदेश में हो चुका बच्चों पर ट्रायल
नोवावैक्स विदेश में अपनी वैक्सीन के बच्चों पर ट्रायल की शुरुआत कर चुकी है। कंपनी ने 12-17 साल उम्र के 3,000 बच्चों पर ट्रायल्स शुरू किए हैं। हालांकि, इसे अब तक किसी भी देश में मंजूरी नहीं मिली है। इसमें शामिल हो रहे बच्चों की 2 साल तक निगरानी की जाएगी। बेहतर रिजल्ट की वजह से जल्द ही इस वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। ये वैक्सीन अलग-अलग वैरिएंट्स से प्रोटेक्ट करने में भी कारगर रही है।
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