![हाइवे पर मवेशियों का जमघट बना मौत का खतरा](https://dainiknavajyoti.com/media-webp/c200x160/2024-06/highway-pr-maveshiyo-ka-jamghat-ka-bna-khtra...kota-news-28-06-2024.jpg)
हाइवे पर मवेशियों का जमघट बना मौत का खतरा
बरसात में रात के समय बढ़ा हादसों का खतरा : शहर की सड़कों व हाइवे पर हर जगह मवेशी
शहर वासियों का कहना है कि मवेशियों को पकड़ने वाले जिम्मेदार विभाग इनके खिलाफ कार्रवाई करें।
कोटा। मानसून का सीजन शुरू होने के साथ ही बरसात भी रोजाना हो रही है। पिछले दो दिन से तो रात के समय बरसात हो रही है। ऐसे में बरसात होते ही हाई वे व शहरी सड़कों पर मवेशियों का जमघट नजर आने लगा है। जिससे रात के अंधेरे में हादसों का खतरा बढ़ गया है। शहर में सामान्य तौर पर भी कई जगह सड़कों पर मवेशियों के झुड लगे रहते हैं। लेकिन बरसात में ये झुंड अधिक नजर आने लगे हैं। बरसात होने के साथ ही मवेशी गली मौहल्लों से निकलकर मेन रोड व हाइवे पर आने लगे हैं। यही कारण है कि ुपछले दो दिन से हो रही बरसात के चलते शहर व हाइवे पर मवेशी अधिक दिख रहे हैं। फिर चाहे वह मेन रोड हो या चौराहा। व्यस्त सड़क हो या हाइवे।
बीच रास्ते में बैठने से हादसे अधिक
मौसम सुहावना होने से मवेशियों के झुंड विशेष रूप से गाय व सांड सड़कों पर अधिक दिख रहे हैं। ये मेन रोड पर सड़क के बीच आकर बैठ जाते हैं। जिससे दिन के समय तो ये नजर आने पर इनसे बचकर निकला जा सकता है। जबकि बरसात में रात के समय ये नजर नहीं आने से इनके कारण हादसों का खतरा अधिक बना हुआ है।
शहर में अंधेरा और हाइवे पर तेज वाहन
शहर में बरसात के चलते जहां अधिकतर क्षेत्रों की रोड लाइटें रात के समय अक्सर बंद हो रही हैं। जिससे अंधेरे में मवेशियों के झुंड नजर ही नहीं आते। ये झुंड चम्बल की पुलिया से लेकर बैराज की पुलिया तक पर बैठे हुए हैं। सीएडी चौराहे से लेकर दादाबाड़ी तक देखे जा सकते हैं। रामपुरा समेत पुराने शहर की संकरे रास्तों में बीच में बैठे मवेशियों के कारण तो दिन के समय ही वाहनों का निकलना मुश्किल हो रहा है। वहीं हाइवे तक पर मवेशी आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से घूमते हुए आ रहे हैं। वहीं बरसात में कई पशु पालक इधर से उधर आ-जा रहे हैं उनके पशु भी हाइवे से गुजर रहे हैं। ऐसे में हाइवों पर चाहे वह बारां रोड का हो या झालावाड़ रोड का। जयपुर वाला हाइवे हो या चित्तौड़ वाला। सभी जगह पर तेज गति से आने वाले वाहन इन मवेशियों से टकराकर हादसों का शिकार हो रहे हैं।
जिम्मेदार विभाग करें कार्रवाई
शहर वासियों का कहना है कि मवेशियों को पकड़ने वाले जिम्मेदार विभाग इनके खिलाफ कार्रवाई करें। कंसुआ निवासी आशा मीणा का कहना है कि बरसात में सड़कों के बीच मवेशी होने से हादसों का खतरा है। नगर निगम को इन मवेशियों को गौशाला में बंद करना चाहिए। जिससे लोगों की जान जोखिम में डालने से बचाई जा सके। नयापुरा निवासी महेश शर्मा का कहना है कि सड़कों पर रात के समय विशेष रूप से बरसात में ये मवेशी काफी खतरनाक हैं। शहर ही नहीं अब तो हाइवे तक पर जानवर बीच सड़क पर दिखने लगे हैं। ये हादसों का खतरा बने हुए हैं।
पशु पालकों की कॉलोनी व गौशाला भी
शहर में जहां नगर निगम की ओर से लावाुरस पशुओं को पकड़कर रखने के लिए गौशाला व कायन हाउस बने हुए हैं। वहीं नगर विकास न्यास की ओर से बंधा धर्मपुरा में पशु पालकों के लिए देव नारायण आवासीय योजना बनाई गई है। जिसमें शहर से पशु पालकों को शिफ्ट किया गया है। जानकारों के अनुसार देव नारायण योजना शहर से दूर होने व सुविधाएं नहीं होने से अधिकतर पशु पालक शहर में ही बाड़े बनाकर रह रहे हैं। जिससे उनके पशु भी यहीं सड़कों पर घूम रहे हैं। ये लावारिस नहीं है वरन् पशु पालकों के ही मवेशी है।
गौशाला में जगह की कमी
नगर निगम कोटा दक्षिण की गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह का कहना है कि गौशाला में जगह की कमी है। यहां पहले से ही 25 सौ से अधिक गौवरंश है। बरसात में यहां अधिक संख्या में मवेशी रखने पर उनकी मृत्यु दर अधिक होती है। ऐसे में जगह की कमी होने से मवेशियों को नहीं पकड़ा जा रहा है। सिर्फ सांड ही पकड़े जा रहे हैं। वहीं निगम अधिकारियों का कहना है कि मेन रोड पर मवेशियों के खिलाफ पूर्व में भी कार्रवाई की है। जहां अधिक नजर आएंगे वहां से भी पकड़वाया जाएगा।
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