जीका वायरस: चिकित्सा महकमा अलर्ट मोड पर

गर्भवती महिलाओं की जांच करने की दी सलाह

 जीका वायरस: चिकित्सा महकमा अलर्ट मोड पर

संक्रमित पाई जाने वाली महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करने के निर्देश।

कोटा। महाराष्ट्र में जीका वायरस के  मामले सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को सभी राज्यों को परामर्श जारी कर स्थिति की निरंतर निगरानी रखने का निर्देश दिया। राज्यों से कहा गया है कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका वायरस जांच कराएं। संक्रमित पाई जाने वाली महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करें। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल द्वारा जारी परामर्श के अलावा, मंत्रालय ने स्वास्थ्य संस्थानों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्देश दिया, जो परिसरों के एडीज मच्छरों के संक्रमण से मुक्त रखने की निगरानी और कार्रवाई करेंगे। कोटा में जीका वायरस को लेकर सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है। अब तक आठ मामले आ चुके महाराष्टÑ में:  इस साल 2 जुलाई तक पुणे में जीका के 6 और कोल्हापुर व संगमनेर में 1-1 मामला सामने आ चुका है। देशमें 2016 में गुजरात से पहला जीका मामला सामने आया था। महाराष्ट्र में बढ़ते जीका वायरस के मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की है। साथ ही राज्यों से गर्भवती महिलाओं में वायरस की जांच के जरिए निरंतर निगरानी बनाए रखने का आग्रह किया। राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की जांच करके और जीका के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाली गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करके निरंतर निगरानी बनाए रखें।

एडीज मच्छर से फैलता है जीका वायरस
सीएमएचओ डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि जीका वायरस संक्रमण एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इस मच्छर से डेंगू और चिकनगुनिया भी होता है।  हालांकि, जीका संक्रमण से मौत नहीं होती है, लेकिन इसमें संक्रमित गर्भवती महिला के शिशु में माइक्रोसेफेली की समस्या हो सकती है, जिसमें उसके सिर का आकार अपेक्षाकृत बहुत छोटा हो जाता है।  परामर्श में कहा गया है कि चूंकि जीका वायरस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के भ्रूण में 'माइक्रोसेफेली' और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए राज्यों को सलाह दी गई है कि वे चिकित्सकों को इसकी करीबी निगरानी करने के लिए कहें। राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य संस्थानों या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाली संस्थाओं को निर्देश दें कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका जांच करें। 

स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय की एडवाइजरी में यह कहा
- जीका प्रभावित गर्भवती महिलाओं को लेकर राज्यों को सलाह दी गई है कि वे चिकित्सकों को नजदीकी निगरानी के लिए सचेत करें।
- राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं या प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले मामलों को संभालने वाले लोगों को निर्देश दें।
- जीका वायरस के संक्रमण के लिए गर्भवती महिलाओं की जांच करें।
- जीका के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाली गर्भवती माताओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करें। एडवाइजरी में राज्यों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे समुदाय के बीच भय को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर एहतियाती आईईसी संदेशों के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा दें।

क्या है जीका वायरस?
सीएमएचओ डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि जीका डेंगू और चिकनगुनिया की तरह एडीज मच्छर जनित वायरल बीमारी है। हालांकि, जीका से प्रभावित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) खतरा रहता है। देश में 2016 में गुजरात से पहला जीका मामला सामने आया था। तब से, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक सहित कई अन्य राज्यों में इसके मामले सामने आए हैं।

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इनका कहना है
अभी जीका वायरस को लेकर एडवाइजरी नहीं प्राप्त हुई है। लेकिन सभी चिकित्सा प्रभारियों को इसको लेकर अलर्ट कर दिया है। साथ ही सीएचसी व पीएचसी पर आने वाली गर्भवती महिलाओं की जीका की जांच कराने के लिए भी कहा गया है।
- डॉ. जगदीश कुमार सोनी, सीएमएचओ कोटा 

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