लाखेरी स्कूल: अव्यवस्था की किताबें खुली, मैदान पानी-पानी

विद्यालय में कक्षा कक्षों का प्लास्टर गिरा, खेल मैदान में बारिश में हो जाता है कीचड़

लाखेरी स्कूल: अव्यवस्था की किताबें खुली, मैदान पानी-पानी

हमें प्रिंसिपल की योग्यता पर शक नहीं किंतु फिर भी विद्यालय में इन सभी अव्यवस्थाओं को देखेगा कौन?

लाखेरी। बूंदी जिले के लाखेरी बस स्टैंड के समीप राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बना हुआ है, जो की काफी वर्षों से संचालित हो रहा है एवं वर्तमान में आदर्श विद्यालय की श्रेणी में आता है, किंतु शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय पर ध्यान नहीं देने के कारण इस विद्यालय के अंदर कई प्रकार की अव्यवस्थाएं देखी जा सकती है। इस विद्यालय में वर्तमान में 400 के लगभग छात्र व छात्राएं अध्यनरत है, इनको पढ़ाने के लिए मात्र 14 शिक्षक लगे हुए हैं, जो पर्याप्त नहीं है। इस विद्यालय में कुल 12 क्लास संचालित होती है, इस विद्यालय में सब्जेक्ट टीचर्स की पोस्ट रिक्त चल रही हैं, जिसमें विज्ञान वर्ग में फिजिक्स के टीचर की पोस्ट रिक्त चल रही है, इसी तरह हिंदी एवं अंग्रेजी की पोस्ट भी रिक्त चल रही है, इसी तरह कॉमर्स फैकल्टी में तीनों पोस्ट रिक्त चल रही है, अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग लाखेरी के इस विद्यालय में शिक्षकों की पूर्ति कर पाता है या बच्चों के भविष्य के साथ पूरे वर्ष खिलवाड़ होता रहेगा।

विद्यालय की अन्य समस्याओं की 
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बिल्डिंग परिसर में बने कमरों के अंदर छत का प्लास्टर डैमेज होने से कई बच्चों के ऊपर गिर जाता है, जिससे बच्चों के चोटिल होने की संभावना बनी रहती है, जब हम इस विद्यालय के कक्षा 11 कक्ष में पहुंचे तो छात्र भेरूलाल, अजय कुमार, नवाज एवं हर्षवर्धन ने बताया कि छत का प्लास्टर कभी भी हमारे आसपास या हमारे ऊपर गिर जाता है, हमने कई मर्तबा अध्यापक गणों से कहा किंतु आज तक इसका समाधान नहीं हुआ। इसी तरह कई कमरों में हवा के लिए पंखों की भी कमी है एवं सबसे बड़ी जो कमी हमें पानी की व्यवस्था की देखने को मिली है । 400 बच्चों के पीने के पानी के लिए वाटर कूलर भी नहीं लगा हुआ है। पानी के नाम पर सिर्फ एक टंकी लगा रखी है, जिसमें नल का पानी भरा जाता है, सफाई भी साल में एक बार करवाई जाती है, जिस कारण भारी गर्मी में बच्चें गर्म पानी पीने को मजबूर रहते हैं। छात्र लविश तंवर ने बताया कि हम घर से बोतल लेकर आते हैं यहां का पानी पीने की इच्छा नहीं होती कई बार पानी बदबू मारता है एवं गर्म पानी आता है। विद्यालय परिसर में जो मुख्य कमी है वह छात्रों के विद्यालय में प्रवेश करने को लेकर है, विद्यालय के सामने बने मैदान में बिछाई गई चिकनी मिट्टी के कारण बारिश के मौसम में फिसलन हो जाती है, जिससे बच्चे विद्यालय के मुख्य गेट तक नहीं पहुंच पाते। मुख्य दरवाजे तक जाने के लिए छात्रों के साथ अध्यापकों को भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। विद्यालय में 12वीं बायोलॉजी के छात्र प्रियांशु तंवर ने बताया कि विद्यालय संस्था को ग्राउंड से लेकर विद्यालय के मुख्य दरवाजे तक पक्का रास्ता बनाना चाहिए, जिससे बच्चें फिसलन से बच सके एवं विद्यालय के अंदर आसानी से प्रवेश कर सके।  इस विद्यालय के अंदर काफी समय से समिति के सदस्य भामाशाह निरंतर बने हुए हैं, जो विद्यालय की इन अवस्थाओं से दूर रहते हैं एवं शिक्षा विभाग द्वारा लाखेरी के इस उच्च माध्यमिक विद्यालय में दृष्टिहीन विजय कुमार मीणा को प्रिंसिपल नियुक्त कर रखा है, हमें प्रिंसिपल  की योग्यता पर शक नहीं किंतु फिर भी विद्यालय में इन सभी अव्यवस्थाओं को देखेगा कौन?

इनका कहना है 
विद्यालय लाखेरी में जो अव्यवस्थाएं है उनका निराकरण करेंगे, वैसे विद्यालय समस्याओं के समाधान के लिए उच्च अधिकारी को अवगत कर रखा है। 
- विजय कुमार, प्रिंसिपल  

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