विवि समय पर परीक्षा आयोजित करे और समय पर रिजल्ट जारी करे
कोटा विश्वविद्यालय के लोकपाल प्रोफेसर आरकेएस डाकरे से नवज्योति की बातचीत
ज्यादातर समस्या यूनिवर्सिटी की मार्कशीट और डिग्री को लेकर आती हैं। इसे सोल्व कर दिया गया है।
कोटा। छात्र समुदाय की शिकायतों के निस्तारण के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों में लोकपाल नियुक्त कर दिए हैं। कोटा के सभी छह विश्वविद्यालयों में भी लोकपाल नियुक्त कर दिए हैं। कुलपति ने इनका अनुमोदन कर दिया है। कोटा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर आरकेएस डाकरे(राजेश कुमार सिंह) पूर्व कुलपति ब्रिज विश्वविद्यालय को लोकपाल बनाया है। डाकरे इससे पूर्व आगरा यूनिवर्सिटी में भी रह चुके हैं। डाकरे से कोटा यूनिवर्सिटी को लेकर नवज्योति ने बाचीत की प्रस्तुत हैं उसके अंश:-
- नवज्योति-कोटा यूनिवर्सिटी के छात्रों की समस्याओं को लेकर क्या प्राथमिकता रहेगी।
ए डाकरे- कोटा यूनिवर्सिटी को लेकर हमने जानकारी ली है। एल्यूमिनाई में भी मैं वहां आया था। हमने वहां यूनिवर्सिटी हैड क्वार्टर पर संविधान पार्क बनाया है। ज्यादातर समस्या यूनिवर्सिटी की मार्कशीट, और डिग्री को लेकर आती हैं। इसे सोल्व कर दिया गया है। मेरा यह मानना है कि विश्व विद्यालय में समय पर परीक्षा हो और समय पर रिजल्ट जारी हो तो बहुत सी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
- नवज्योति- प्राइवेट यूनिवर्सिटीज विश्व स्तर पर जा रहे हैं ,सरकारी क्यों नहीं।
ए डाकरे- देखिए प्राइवेट यूनिवर्सिटी का दौर 95 के बाद में आया। ज्यादातर प्राइवेट यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग कॉलेज से बढ़ते बढ़ते बनी हैं। इंजीनियरिंग से यह कॉलेज एलाइड मेें आई अब यह मेडिकल में घुस रही हैं। इनके पास पैसा आया तो यह नेक और एनआईए से एक्रीडेशन लेकर अब विश्व स्तर पर पहुंच रही हैं।
- नवज्योति-इनके सक्सेज होने का बड़ा कारण क्या है
ए डाकरे- इनके पास पैसा आया तो यह लोग वलर्ड रेंकिंग में जा रहे हैं. इन्हें यह जानकारी है कि कौनसे पैरामीटर से रैंकिंग होती है। किसमें कितने मार्क मिलते हैं। यह उसी पैरामीटर पर काम करते हैं और वर्ल्ड रैकिंग में शामिल होते हैं। पैरा मीटर में सबसे अधिक मार्कस अच्छी फैकल्टी,अच्छी एल्यूमिनाई, रिसर्च और रिजल्ट पर मिलते हैं। स्टेट यूनिवर्सिटी में यही कमियां हैं। अच्छा रिजल्ट दें तो वह भी विश्व स्तर पर कम्पीट कर सकती हैं। हालांकि इसमें कई चीजें हैं जो प्रभाव डालती हैं। फिर भी व्यवस्था तो बनानी ही पड़ती है।
- नवज्योति- ज्यादातर यूनिवर्सिटीज में कमियां क्या हैं।
ए डाकरे- ज्यादातर यूनिवर्सिटी में में फिजिकल वैरिफिकेशन पर ध्यान नहीं दिया जाता। आजकल पेपर लीक मामले सुन रहे हैं। ज्यादातर पेपर तैयार करने वाली एजेंसियां लकनऊ के आसपास हैं। इनके वास्तविक हालात देख कर आप चौंक जाएंगे। एक एजेंसी तो टीन शेड में चल रही थी। फिर बिना किसी भौतिक सत्यापन के ऐसी एजेंसी को पैपर तैयार करने का जिम्मा देना कहां तक उचित हैें्।
- नवज्योति-कॉलेजों में कई जगह फैकल्टी का नाम ही नहीं है। केवल प्रिंसिपल हैं। ऐसे में क्या कर रहे हैं।
ए डाकरे- हमने कुलपति मेडम से भी बातचीत की है। अब यह व्यवस्था की गई है कि यूनिवर्सिटी हेड क्वार्टर पर तीन लोगों की सलेक्शन कमेटी बनाई है। यह कमेटी यूनिवर्सिटी हैड क्वार्टर पर ही सबको बुलाएगी और यही सलेक्शन करेगी। इससे ऐसी दिक्कत अब नहीं आ पाएगी।पहले कागजों के आधार पर सलेक्शन कर लिए जाते थे। अब ऐसा नहीं है।
- नवज्योति-आप अपने बारे में बताइये।
ए डाकरे- मेरी शिक्षा दीक्षा आगरा के राजा बलवंत सिंह कॉलेज से हुई। एसी कॉलेज से में कुलपति भी रहा। यह ऐसा कॉलेज है जो अब तक 21 वाइस चांसलर दे चुका है। मैं इक्कीसवां वाइस चांसलर था। विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ काम करने का लम्बा अनुभव है। एकेडमिक से ही अब तक जुड़ा रहा हूं। लोकपाल का काम भी एकेडमिक से जुड़ा ही है।
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