इस बार भी भंवर में फंसेगी छात्रों की नैया!
एग्जाम से पहले ही शिक्षकों को हटाने की तैयारी, राजसेस कॉलेजों में 50 प्रतिशत कोर्स अधूरे, तनाव में विद्यार्थी
राजसेस कॉलेजों में शिक्षण कार्य विद्या संबल शिक्षकों द्वारा करवाया जाता है। जिनकी चयन प्रक्रिया सेमेस्टर वाइज होती है।
कोटा। कॉलेज एजुकेशन सोसायटी के अधीन संचालित सरकारी कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था फिर से बेपटरी होने की कगार पर है। हर साल की तरह इस साल भी परीक्षा से पहले ही विद्या संबल पर लगे शिक्षकों को हटाने की कवायद शुरू हो गई है। जबकि, हाड़ौती के अधिकतर राजसेस कॉलेजों में अब तक 40 से 50% कोर्स ही पूरे हो सके हैं। जबकि, सत्र 2024-25 में खुले नए कॉलेजों में तो 60 प्रतिशत कोर्स अधूरे हैं। जबकि, यूजी प्रथम सेमेस्टर के एग्जाम आगामी जनवरी माह में होने हैं। इसके बावजूद अतिथि शिक्षकों को हटाने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में आयुक्तालय ने नोडल महाविद्याय व प्राचार्यों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, राजसेस कॉलेजों में शिक्षण कार्य विद्या संबल शिक्षकों द्वारा करवाया जाता है। जिनकी चयन प्रक्रिया सेमेस्टर वाइज होती है। लेकिन, शिक्षा सत्र देरी से शुरू होने पर इनकी नियुक्ति भी देरी से की गई। नियमानुसार, 24 सप्ताह या 28 फरवरी इनमें से जो भी पहले हो, तब तक ही यह अध्यापन करवा सकते हैं। लेकिन, यह अवधि सेमेस्टर एग्जाम से पहले होनी चाहिए। जबकि, कई कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति ही सितम्बर-अक्टूबर माह में हुई है। ऐसे में इनके 24 सप्ताह पूरे होने से पहले ही इन शिक्षकों की छुट्टी कर दी जाएगी। इस अटपटे नियम से शिक्षक व छात्रों में रोष है।
50% तक कोर्स अधूरे
हाड़ौती के कई राजसेस कॉलेजों में यूजी प्रथम व थर्ड सेमेस्टर में 50 प्रतिशत कोर्स अधूरे हैं। वहीं, जनवरी माह में प्रथम सेमेस्टर के एग्जाम प्रस्तावित हैं। ऐसे में परीक्षा से पहले ही शिक्षकों को हटा दिए जाने से विद्यार्थियों का कोर्स पूरा नहीं हो सकेगा। ऐसे में उनका परीक्षा परिणाम प्रभावित होने की आशंका रहेगी।
नए कॉलेजों में अभी 60 दिन ही लगी क्लासें
राजकीय महाविद्यालय दीगोद में कार्यरत विद्या संबल शिक्षिका शर्मिला ने बताया कि यहां 1 अक्टूबर से फैकल्टी लगाई गई है। 80 दिनों में से एक महीना दीपावली व सरकारी अवकाश में गुजर गया। इस दरमियान मात्र 60 दिन ही कक्षाएं लगी हैं। ऐसे में यूजी प्रथम सेमेस्टर का 50 प्रतिशत ही कोर्स पूरा हो सका है। जनवरी में एग्जाम होने हैं। वहीं, परीक्षा से पहले हमारे 24 सप्ताह पूरे नहीं हो पाएंगे। इसके बावजूद विद्या संबल शिक्षकों को हटा दिया जाएगा। जिससे विद्यार्थियों को अध्यापन में काफी परेशानी होगी। सरकार को कोर्स पूरा होने तक रखना चाहिए।
नियुक्ति में लेटलतीफी, अब हटाने में उतावलापन
बारां जिले के राजकीय सीसवाली कॉलेज में कार्यरत सहायक आचार्य डॉ. रवि कुमार कहते हैं, सरकारी कॉलेजों में शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद में भी शिक्षण के लिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में लेटलतीफी बरती गई। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद में शिक्षण कार्य शुरू हो पाया। एनईपी में सेमेस्टर सिस्टम होने के कारण सेमेस्टर कक्षाओं में अब तक कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। मगर दूसरी तरफ आयुक्तालय की ओर से 21 जून 2024 को जारी आदेश की पालना करने के निर्देश जारी हो गए हैं। इन आदेशों में साफ तौर पर अतिथि शिक्षकों को 24 सप्ताह या फिर 28 फरवरी 2025 तक हटाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। जितनी फुर्ती हटाने में दिखाई जाती है उतनी ही फुर्ति शिक्षकों की नियुक्ति में भी दिखाई जानी चाहिए।
शिक्षक-विद्यार्थी दोनों तनाव में
कोटा संभाग में राजसेस के अधीन संचालित सरकारी कॉलेजों में कार्यरत शिक्षक बेरोजगार होने से तनाव में हैं, वहीं पढ़ाई प्रभावित होने से विद्यार्थियों को परिणाम बिगड़ने का डर सता रहा है। जबकि, जनवरी माह में यूजी प्रथम सेमेस्टर एग्जाम होने हैं और परीक्षा से पहले शिक्षकों को हटाया जाना है लेकिन अधिकतर महाविद्यालयों में 40 से 50 प्रतिशत कोर्स अधूरे हैं। ऐसे में इन दिनों गुरु-शिष्य दोनों ही तनाव से गुजर रहे हैं।
विद्यार्थी बोले- परिणाम बिगड़ने का सता रहा डर
अभी तक यूजी प्रथम वर्ष का करीब 40 प्रतिशत ही कोर्स पूरा हुआ है, जनवरी में पेपर है। एग्जाम से पहले विद्या संबल पर लगे शिक्षकों को हटा देंगे तो शेष सिलेबस को कौन पूरा करवाएगा। छात्रों के सामने असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वहीं, द्वितीय वर्ष के सैकंड सेमेस्टर का तो अभी 25 प्रतिशत ही सिलेबस पूरा हुआ है। प्रेक्टिकल व असाइनमेंट भी अधूरे हैं। सरकार एक तरह तो क्वालिटी एजुकेशन देने का दवा करती है और दूसरी तरफ शिक्षकों को हटाने पर तुली है। शिक्षकों के बिना पास होने के भी लाले पड़ जाएंगे।
-भूपेश कुमार, तस्यम नेग, छात्र, सीसवाली व तालेड़ा कॉलेज
सरकार के जो निर्देश मिले हैं, उसकी पालना की जाएगी। हमारे यहां शिक्षक सितम्बर माह में लगे थे। जिनके 24 सप्ताह जनवरी के अंत में पूरे हो जाएंगे। परीक्षा से पूर्व कोर्स पूरे होने की संभावना है।
-प्रो. राजेश कुमार प्राचार्य रामपुरा कन्या महाविद्यालय कोटाक्या कहते हैं शिक्षक
विद्या संबल शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है। हर सेमेस्टर में चयन प्रक्रिया के तहत शिक्षकों से फॉर्म भरवाए जाते हैं। वर्ष 2024 में ही 3 बार फॉर्म भर चुके हैं। जिसकी वजह से बार-बार कॉलेज बदल रहा है।
-डॉ. शर्मिला कुमारी, सहायक आचार्य विद्या संबल
राजसेस महाविद्यालय में लगे शिक्षकों को बीच-बीच में न हटाया जाए। चयन प्रक्रिया साल में एक बार होनी चाहिए और जो विद्या संबल शिक्षक जिन कॉलेज में लगे हैं, उन्हें उसी कॉलेज में लगाया जाए। बार-बार कॉलेज बदलने से शिक्षक व विद्यार्थियों को परेशानी होती है। ऐसे में बार-बार चयन प्रक्रिया पर रोक लगाई जानी चाहिए।
-डॉ. हनिफ खान, सहायक आचार्य विद्या संबंल
संभाग में 19 पुराने व 4 नए राजसेस कॉलेज हैं। इनमें से अधिकतर कॉलेजों में सिलेबस अधूरा है। ऐसे में परीक्षा से पहले शिक्षकों को हटाने से विद्यार्थियों की न केवल पढ़ाई प्रभावित होगी बल्कि उनका परिणाम भी बिगड़ने का खतरा रहेगा। सरकार भले ही विद्या संबंल शिक्षकों को नियमित न करे लेकिन उन्हें एक साल तक के लिए तो कॉलेज में लगाए और बार-बार चयन प्रक्रिया बंद की जानी चाहिए।
-डॉ. रवि कुमार, सहायक आचार्य सीसीवाली कॉलेज बारां
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