यूनिवर्सिटी महारानी कॉलेज ने मनाया 81वां स्थापना दिवस
डॉ. गोपाल शर्मा, विधायक सिविल लाइंस एवं सिंडिकेट सदस्य, राजस्थान विश्वविद्यालय एवं कुलदीप धनखड़, विधायक विराटनगर एवं राजस्थान विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्यसमारोह के विशिष्ट अतिथि थे।
जयपुर। यूनिवर्सिटी महारानी कॉलेज ने अपना 81वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। डॉ. गोपाल शर्मा, विधायक सिविल लाइंस एवं सिंडिकेट सदस्य, राजस्थान विश्वविद्यालय एवं कुलदीप धनखड़, विधायक विराटनगर एवं राजस्थान विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्यसमारोह के विशिष्ट अतिथि थे। इस उत्सव को स्मृतियों में चिरस्थायी बनाये रखने हेतु वृक्षारोपण किया गया।
प्राचार्य प्रो. निमाली सिंह ने सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया और महारानी कॉलेज के गौरवशाली इतिहास को साझा किया। उन्होंने दोनों विधायकों से कॉलेज को विश्व स्तरीय स्तर तक ऊपर उठाने के लिए आवश्यक सभी सहायता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
कुलदीप धनखड़ ने विद्यार्थियों को महिला सशक्तिकरण के बारे में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह सदी महिलाओं की है इसलिए उन्हें शिक्षित और डिजिटल रूप से साक्षर होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि कैसे राजस्थान सरकार कौशल विकास और डिजिटल साक्षरता पर काम कर रही है। कुलदीप धनखड़ ने ग्रामीण पृष्ठभूमि से राज्य की सर्वोच्च संस्था तक की अपनी यात्रा को भी साझा किया और इस बात पर जोर दिया कि राजस्थान सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के प्रति कितनी संवेदनशील है।
डॉ. गोपाल शर्मा ने छात्रों को बताया कि किस प्रकार शिक्षा, धन और शक्ति सभी का ध्यान देवियां रखती हैं। इसलिए वे पहले से ही सशक्त हैं, उन्हें बस आगे बढ़ने और चमकने के अवसर चाहिए। उन्होंने रानी लक्ष्मी बाई का उदाहरण दिया और इस बात पर जोर दिया कि कैसे महिलाओं को घूंघट और पर्दा जैसी सभी बाधाओं को दूर करने और जीवन के सभी संघर्षों में स्वतंत्र रूप से भाग लेने की जरूरत है। डॉ. गोपाल शर्मा ने महाविद्यालय के उत्थान के लिए इस वर्ष 25 लाख रुपये तथा अगले वर्ष 25 लाख रुपये आवंटित करने की घोषणा की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि महारानी कॉलेज में नवीनतम आधुनिक तकनीक से युक्त ऑडिटोरियम होना चाहिए। उन्होंने स्थापना दिवस के अवसर पर लगाए जाने वाले पेड़ों को महारानी गायत्री देवी और डॉ.सावित्री बाई जी का नाम देने का सुझाव दिया ताकि छात्र उनसे प्रेरणा ले सकें और नारी शक्ति के वट वृक्ष के रूप में उभर सकें।
अंत में उप प्राचार्य डॉ. सीमा बदौरिया ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी को धन्यवाद दिया।
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