रोड लाइट के नहीं हुए टेंडर, अंधेरे में शहर

कोटा दक्षिण में पार्षदों से लेकर आमजन तक हो रहे परेशान

रोड लाइट के नहीं हुए टेंडर, अंधेरे में शहर

पार्षदों का कहना है कि निगम अधिकािरयों को कई बार रोड लाइट का टेंडर करने के लिए कहा जा चुका है लेकिन अधिकारी सुनते ही नहीं।

कोटा। शहर में बरसात के समय जहां सड़कों पर जगह-जगह पानी भरा हुआ है।  सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढ़े हो रहे हैं। बीच राह मवेशियों के झुंड बैठे  हुए हैं। जिनके कारण जहां आए दिन हादसों का खतरा बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ हालत यह है कि कोटा दक्षिण निगम में रोड लाइट बंद होने से अंधेरा छाया हुआ है। जिससे आमजन की समस्या अधिक बढ़ गई है। नगर निगम कोटा दक्षिण क्षेत्र के अधिकतर वार्डों में यही हालात है। नगर निगम कोटा दक्षिण में पिछले काफी समय से नई रोड लाइटें लगाने का टेंडर तक नहीं हुआ है। जिससे पार्षदों के कहने के बाद भी अधिकारी वार्डों में रोड लाइट नहीं लगा पा रहे हैं। ऐसे में आमजन को बरसात के समय में अंधेरे का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम में पूर्व में नई रोड लाइट लगाने का ठेका जिस फर्म के साथ था। वह पूरा हो गया है। उसके बाद विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण अधिकारी नया टेंडर नहीं कर सके। हालांकि अब तो लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त हुए भी दो माह से अधिक का समय हो गया है। अभी तक भी रोड लाइट का टेंडर नहीं हुआ है। जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। 

निगम क्षेत्र में अधिक समस्या
नगर निगम कोटा दक्षिण की सार्वजनिक रोशनी व्यवस्था समिति के अध्यक्ष पार्षद अनुराग गौतम ने बताया कि नगर निगम कोटा दक्षिण में नई रोड लाइट लगाने का टेंडर काफी समय से नहीं हुआ है। जिससे पार्षदों के डिमांड करने पर भी निगम की ओर से रोड लाइट नहीं लगाई जा रही है। जबकि वार्ड के लोग उनसे बार-बार शिकायत कर रहे हैं। वे निगम अधिकारियों को अवगत करवा देते हैं लेकिन निगम अधिकारी मस्त हो रहे हैं। टेंडर के प्रक्रियाधीन होना बताकर हर बार टाल देते हैं। गौतम ने बताया कि सबसे अधिक समस्या निगम क्षेत्र की उन कॉलोनियों में है जो कृषि भूमि पर बनी हुई हैं। वहां रोड लाइटें लगानी हैं लेकिन लाइट ही नहीं मिलने से नहीं लगा पा रहे हैं। जिससे बरसात के अलावा रात को अंधेरे में चोरी होने व महिलाओं के साथ छेड़छाड़ समेत अन्य घटनाएं होने से लोगों  में डर का माहौल बना हुआ है। कोटा दक्षिण के पार्षदों का कहना है कि निगम अधिकािरयों को कई बार रोड लाइट का टेंडर करने के लिए कहा जा चुका है लेकिन अधिकारी सुनते ही नहीं। जबकि कोटा उत्तर निगम में रोड लाइटें भी लग रही हैं। केडीए की ओर से मेन रोड पर भी सजावटी लाइटें लगाई हुई है। सबसे अधिक समस्या कोटा दक्षिण में ही है।  पार्षदों का कहना है कि कोटा दक्षिण में 80 वार्ड हैं। उनमें से अधिकतर में रात को अंधेरा रहने की समस्या बनी हुई है। पार्षद जितेन्द्र सिंह का कहना है कि कोटा दक्षिण निगम में हर काम के टेंडर समय पर नहीं किए गए। जिससे कई तरह की परेशानियां हो रही हैं। गौशाला में दवाओं के टेंडर नहीं हुए। श्वानों के टेंडर करने में देरी की। उसी तरह से अभी तक रोड लाइटों के टेंडर नहीं किए गए हैं।

इनका कहना है
कोटा उत्तर में लाइटों का टेंडर हो चुका है। दक्षिण में करीब 22 सौ नई लाइट, 500 बिजली के खम्बे व करीब 35 मीटर केबल का एस्टीमेट तैयार किया है। जिसकी तकनीकी स्वीकृति भी डीएलबी से मिल गई है। अब नई रोड लाइट का टेंडर प्रक्रिया में है। उसके शेघ्र ही करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वैसे पुरानी लाइट के खराब होने पर उनकी मरम्मत का टेंडर समाप्त हो गया था। उसे बढ़ा भी दिया था लेकिन वर्तमान में निगम कर्मचारियों से मरम्मत करवाई जा रही है। 
- सचिन यादव, एक्सईएन (विद्युत) नगर निगम उत्तर दक्षिण

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