गोविन्ददेवजी के मंदिर में मंगला आरती से कतारों में लगे भक्त, रात 12 बजे 935 किलो पंचामृत से गोविंद का अभिषेक
बरखा प्रबल, चंचला, चपला, कंस समान डराए विकट स्थिति में कन्हाई भारत धरा पर आए
ब्रह्मपुरी और कंवर नगर की ओर से आए श्रद्धालुओं की निकास व्यवस्था चिंताहरण हनुमानजी मंदिर होते हुए जय निवास बाग पश्चिम द्वार से किया गया।
जयपुर। कान्हा के जन्मोत्सव पर शहर में आनंद का उल्लास छा गया। मंदिरों में मंगला के समय से भक्त गोविंद के दर्शन करने के लिए कतारों में लग गए। जयपुर के आराध्य देव राधागोविंद देवजी मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की, आनंद उमंग भयो जय हो नंद लाल की...नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे की गूंज मंदिरों में सुनाई है। बधाई है की पताकाओं से मंदिर के साथ शहर मथुरा-वृंदावन की तरह सजा हुआ था।
मंगला के समय झांकी के बाद अभिषेक कर राधागोविंद को पीत वस्त्र (पीले वस्त्र)धारण कराकर मनमोहक शृंगार किया गया। ठाकुरजी के मंगला से लेकर रात्रि गोविंदाभिषेक तक विविध विधियों से पूजन अर्चन शृंगार स्वर्णाभूषण और पोशाक बदली गई। देर रात तक 11 से 12 लाख श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचे। घरों में लड्डू गोपाल का पंचामृत अभिषेक कर नई पोशाक धारण कराई गई। लड्डू गोपाल को पालने में झुलाया गया। गोविंद देवजी मंदिर में रात 12 बजते ही एक के बाद एक 31 हवाई तोपों की गर्जना के साथ सलामी गूंजती रही। महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने 425 लीटर दूध, 365 किलो दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद से निर्मित पंचामृत से ठाकुरजी का अभिषेक किया। अभिषेक के बाद ठाकुरजी को पंजीरी, लड्डू, खिरसा, रबड़ी कुल्लड़ और माखन मिश्री का भोग लगाया गया। अभिषेक के बाद सभी भक्तों में निशुल्क पंचामृत एवं पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया गया। इसके पूर्व शालिग्राम जी का पांच द्रव्यों से पूजन किया। गोविंद जी मिश्र ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत
कथा का पाठ किया। 6 पंडितों ने वेदपाठ किया।
तीन कतारों में रही दर्शन व्यवस्था
सुबह मंगला झांकी से ही दर्शनार्थियों को बैरिकेटिंग से दर्शन व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई। पासधारक, आमजन प्रवेश बिना जूता चप्पल, आमजन प्रवेश जूता चप्पल वालों के लिए तीन अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था रही। सुबह पास धारकों की लाइन में ज्यादा भीड़ रही। जलेबी चौक से आए श्रद्धालुओं का जय निवास पूर्वी बाग गेट से निकास हुआ। ब्रह्मपुरी और कंवर नगर की ओर से आए श्रद्धालुओं की निकास व्यवस्था चिंताहरण हनुमानजी मंदिर होते हुए जय निवास बाग पश्चिम द्वार से किया गया।
राधा गोपीनाथ जी ने पहनी 2.50 लाख की घड़ी
राधा गोपीनाथ मंदिर में महंत सिद्धार्थ गोस्वामी की मौजूदगी में ठाकुरजी को जन्माष्टमी पर 2.50 लाख की हरे डायल की घड़ी धारण कराई गई। रात 12 बजे जन्माभिषेक किया गया। सुभाष चौक पानों का दरीबा सरस निकुंज में अलबेली माधुरी शरण महाराज की मौजूदगी में ठाकुर सरस बिहारी का वेदोक्त मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक कर मनोरम शृंगार किया गया। जन्माष्टमी पर पद गाकर लाड़ लड़ाए गए। माखन मिश्री के साथ पंजीरी फल आदि का भोग अर्पित किया गया।
तीन हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने लगातार 24 घंटे संभाली कमान
गोविंद देवजी मंदिर में जन्माष्टमी पर सेवा देने वाले कार्यकर्ता रविवार को देर रात 2.30 बजे मंदिर पहुंच गए और वहां पर व्यवस्थाएं संभाली और जन्माष्टमी के दिन रात को जन्मोत्सव के बाद 2.30 बजे अपने अपने घरों में पहुंचे। अभिषेक समाप्त होने तक की सभी व्यवस्थाएं पुलिस, स्काउट के साथ संभाली। शाम से लेकर रात को जन्माभिषेक तक भीड़ का दबदबा ज्यादा रहा। स्काउट ने लोगों को पानी पिलाया। 13 एलईडी पर श्रद्धालुओं ने गोविंद देवजी को करीब से बेहद करीब से निहारा। पुलिस प्रशासन की ओर से 8 से 10 मेटल डिटेक्टर लगाए गए। इसमें से होते हुए दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया गया। चिह्नित जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए।
दामोदर जी, लाड़ली जी और चरण मंदिर में दोपहर में हुआ अभिषेक
छोटीकाशी के तीन मंदिरों में दोपहर 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्माभिषेक किया गया। चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर मंदिर में महंत मलय गोस्वामी की मौजूदगी में ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक कर पंजीरी का भोग लगाया गया। इसके बाद नंदोत्सव मनाया गया। भक्तों ने बधाइयां गाई और उछाल लूटी। नाहरगढ़ पहाड़ी स्थित चरण मंदिर में दोपहर को ठाकुर जी के चरण चिन्हों का पूजन किया गया। धार्मिक मान्यता है कि भगवान कृष्ण यहां गोचारण करते थे। रामगंज बाजार के लाड़ली जी मंदिर डॉ. संजय गोस्वामी की मौजूदगी में ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक कर बधाई उत्सव मनाया गया। भक्तों को बधाई बांटी गई। मंदिर के मुख्य द्वार पर हो रहे शहनाई वादन के बीच से आम श्रद्धालुओं के साथ गणमान्य लोग भी गोविंद के दर्शन करने के पहुंचे। इनमें उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, मुख्य सचिव सुधांश पंत, देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत, विधायक बालमुकुन्दाचार्य, विधायक गोपाल शर्मा, पूर्व सांसद रामचंद्र बोहरा समेत अनेक विशिष्टजनों ने ठाकुरजी के दर्शन किए।
खोले के हनुमान मंदिर
खोले के हनुमान मंदिर में नरवर आश्रम सेवा समिति की ओर से प्रेमभाया (राधाकृष्ण) मंदिर में जन्मोत्सव मनाया। रात्रि 10 बजे से राधाकृष्ण भगवान के पंचामृत, गंगाजल से स्नान कराकर चंदन का लेप किया। सायंकाल 8 बजे से भक्ति संगीत व प्रेमभाया के पदों को गायन किया गया। रात्रि 12 बजे कृष्ण भगवान का जन्म हुआ। जन्म के साथ ही मंदिर में झालर, शंख, नगाड़ों के साथ आतिशबाजी की। समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि प्रेमभाया मंदिर में छह माह पूर्व राधाकृष्ण की मूर्ति स्थापित की गई।
कृष्ण-बलराम मंदिर में नंदलाल का भव्य स्वागत
जगतपुरा स्थित श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में जन्माष्टमी पर यशोदानंदन का भव्य अभिनन्दन किया गया। सुबह की मंगला आरती के साथ ही मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव की शुरुआत हुई। मंदिर के अध्यक्ष अमितासना दास ने जन्माष्टमी महोत्सव के आयोजन के बारे में बताया कि कृष्ण बलराम मंदिर में भगवान कृष्ण का स्वागत किया गया। भगवान ने सुनहरी रेशम की पौशाक धारण की। उन्हें 108 प्रकार के राज भोग अर्पित किए गए। हर अभिषेक के बाद मिष्ठान और माखन मिसरी का भोग लगाया। उन्हें चन्दन के तेल से पंचामृत स्नान करवाया। साथ ही फलों, फूलों और औषधियों से उनका अभिषेक किया। उनके श्रृंगार के लिए दक्षिण भारत और बेंगलुरु से विशेष प्रकार के चमेली, जूही, कमल, मोगरा और गेंदा के फूल मंगवाए गए। कृष्ण बलराम ने विशेष आभूषण धारण किए। मध्यरात्रि 12 बजे यशोदानंदन का अभिषेक हुआ।
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