सबका मंगल करने नगर भ्रमण पर निकले राधा गोविंद, 22 झांकियों के साथ लवाजमे में थे 5 कीर्तन मंडल
गोविंद बोलो, हरि गोपाल बोलो से गूंजी छोटी काशी
मंदिर से रवाना होकर शोभायात्रा जलेबी चौक, हवामहल बाजार, जौहरी बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, चांदपोल बाजार से बगरू वालों का रास्ता होकर गोपीनाथजी मंदिर पुरानी बस्ती पहुंची।
जयपुर। आराध्यदेव राधा गोविंददेवजी रथ में विराजमान होकर हजारों भक्तों के साथ मंगलवार को सबका मंगल करने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महंत अंजन कुमार गोस्वामी की मौजूदगी में गोविंददेवजी मंदिर में पूजा-अर्चना कर आरती उतारी और शोभायात्रा को रवाना किया।
मुख्यमंत्री को दुपट्टा ओढ़ाकर मंदिर की तरफ से प्रसाद भेंट किया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल ने कहा कि जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के नंदोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित होकर ठाकुरजी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। केसरिया पोशाक और फूलों की झांकी में सजे ठाकुरजी नगर भ्रमण पर निकले तो हर तरफ माहौल कृष्णमय हो गया। इसके साथ ही सीएम ने सभी प्रदेशवासियों को नन्दोत्सव की बधाई दी।
शोभायात्रा में डिप्टी सीएम दीया कुमारी, सांसद मंजू शर्मा, विधायक बालमुकुन्दाचार्य सहित संत-महंतों और आमजन ने भी ठाकुरजी की आरती उतारी। प्रथम पूज्य भगवान गणपति के साथ चारदीवारी के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों की भी झांकियां शोभायात्रा में थी। इनके दर्शन करने के लिए जयपुरवासी उमड़ पड़े। हाथी, घोड़े, ऊंट और बैल के लवाजमे के साथ शोभायात्रा में ग्वाल गोपालों के साथ कीर्तन मंडलियां गोविंद बोलो, हरि गोपाल बोलो का जयघोष करते हुए नाचते गाते चल रही थी। झांकियों के पीछे गोविंददेवजी का स्वर्ण मंडित चित्र रथ में चल रहा था। आगे-आगे हाथी पर पचरंगा निशान लिए चल रहा था।
बैलगाड़ी पर शहनाई वादन की स्वर लहरिया, मृदंग की धुनों पर रेगिस्तान का जहाज ऊंट, शक्ति का प्रतीक घोड़े, बग्घिया, छतरिया, बैंड वादन राजा की शाही सवारी निकल रही थी। देवी-देवताओं की झांकियों को देखकर श्रद्धालुओं की आस्था प्रबल हो रही थी। बाजारों में विभिन्न व्यापार मंडलों की तरफ से पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
गोपीनाथजी मंदिर पर हुआ शोभायात्रा का समापन
मंदिर से रवाना होकर शोभायात्रा जलेबी चौक, हवामहल बाजार, जौहरी बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, चांदपोल बाजार से बगरू वालों का रास्ता होकर गोपीनाथजी मंदिर पुरानी बस्ती पहुंची। यहां पर आरती उतारकर शोभायात्रा का समापन हुआ। चौड़ा रास्ता में विधायक गोपाल शर्मा ने गोविंददेवजी की आरती उतारी।
शोभायात्रा में ये झांकियां रही शामिल
प्रथम पूज्य गणपति की झांकी शोभायात्रा की कमान संभाले हुई थी, उनके पीछे तिरुपति बालाजी मंदिर, अकू्ररजी, भगवान राधा-कृष्ण स्वरूप, सात देवालयों की झांकी में ठाकुर गोपीनाथ, श्याम सुंदरजी, राधा दामोदर, विनोदीलालजी, राधारमणजी, मदनमोहनजी, प्रेमावतार षड़भुज महाप्रभु, पूज्य रूप गोस्वामी की झांकी शामिल थी। इसके साथ पिंजरापोल गौशाला की झांकी, सिंधी झांकी पंचायत कीर्तन मंडल, गोविंद की गैय्या कीर्तन मंडल, जयपुर बंगाली कीर्तन मंडल, गौर गोविंद महिला मंडल और गोविंद परिकर के साथ मुख्य रथ चल रहा था। पांच कीर्तन मंडलों के साथ कुल बाइस झांकियां लवाजमे के साथ थीं।
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