सार्वजनिक वाई-फाई को नहीं समझें सुरक्षित, सतर्क होकर करें सर्चिंग

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सार्वजनिक वाई-फाई को नहीं समझें सुरक्षित, सतर्क होकर करें सर्चिंग

ठग सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करने वाले लोगों का भी डाटा चोरी कर लेते हैं और बाद में उसको एक्सेस कर उन्हें ठगी का शिकार बनाते हैं।

जयपुर। प्रदेश में बढ़ते साइबर क्राइम से बचने के  लिए पूरी तरह सतर्कता बेहद जरूरी है। यदि जागरूक नहीं रहे तो कहीं भी साइबर फ्रॉड के शिकार हो सकते हैं। इसके लिए आपको सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते समय भी पूरी सावधानी बरतनी होगी। ठग सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करने वाले लोगों का भी डाटा चोरी कर लेते हैं और बाद में उसको एक्सेस कर उन्हें ठगी का शिकार बनाते हैं।

इसके अलावा साइबर ठग सार्वजनिक वाई-फाई में सर्च करने वाले सोशल मीडिया अकाउंट, ई-मेल अकाउंट को हैक कर लेते हैं। ई-मेल अकाउंट को हैकिंग से बचाने के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन ऑप्शन का उपयोग करना चाहिए। सार्वजनिक वाई-फाई पर सार्वजनिक जानकारी को शेयर नहीं करें।

क्या करें
   

  • संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक वाई-फाई पर साझा ना करें।
  •  वचुर्अल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का उपयोग करें।
  • अपने पासवर्ड में विशेष प्रकार के अक्षर, अंक और विशेष चिन्हों को शामिल करें।
  • नियमित समय में अपना पासवर्ड बदलें।
  • अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर और सभी ऐप्स को अपडेट रखें।
  • जहां भी संभव हो वहां टू स्टेप वैरिफिकेशन रखें।
  • अपनी बैंक संबंधी निजी जानकारी पासवर्ड और अन्य व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित स्थान पर रखें।
  • एंटीवायरस और एंटीमेलवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें और नियमित रूप से स्कैन करें।

क्या नहीं करें

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  • सार्वजनिक या अनजान कम्प्यूटर पर अपनी व्यक्तिगत या बैंकिंग जानकारी लॉगिन ना करें।
  • केवल विश्वसीय स्त्रोतों से ही मोबाइल ऐप्स डाउनलोड और इंस्टॉल करें।
  • ई-मेल सोशल मीडिया या फोन पर किसी को भी अपने बैंकिंग जानकारी, पासवर्ड या अन्य निजी जानकारी शेयर ना करें।
  • केवल विश्वसनीय और सुरक्षित वेबसाइटों से सॉफ्टवेयर और फाइलें डाउनलोड करें।
  • किसी भी अनजान ई-मेल अटैचमेंट को ओपन ना करें। 
  • किसी भी संदिग्ध कॉल, ई-मेल पर अपनी निजी जानकारी शेयर ना करें।

ई-मेल हैकिंग से ऐसे बचें

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  • ई-मेल की एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन ऑप्शन का उपयोग करें। इस सुविधा से तय होता है कि ई-मेल को आप और प्राप्तकर्ता ही पढ़ रहा है। 
  • इसके अलावा प्रिटी गुड प्राइवेसी (पीजीपी) या जीएनयू प्राइवेसी गार्ड (जीपीजी) एन्क्रिप्शन का उपयोग करें। ये आपके ईमेल और अटैचमेंट को एन्क्रिप्ट करते हैं, जिससे उन्हें पकड़ने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए वे अपठनीय हो जाते हैं।
  • संदिग्ध स्थिति को पता लगाने के लिए एआई का उपयोग करने वाले सुरक्षा उपकरण उपयोग करें। ये आपको फर्जी स्थिति से अवगत कराते हैं। 
  • इसके अलावा ऐसे सॉफ्टवेयर का उपयोग करें जो संदिग्ध ऐप्स के बारे में अलर्ट भेजते हैं। 
  • ई-मेल को कई भागों में बांटकर रखें, जिससे यदि एक हैक होता है तो दूसरा बच सके। 
  • लगातार एंटीवायरस का उपयोग करें। 
  • हैकर्स से पहले कमजोरियों की पहचान करने के लिए अपने ईमेल सिस्टम पर नियमित रूप से प्रवेश परीक्षण करें।

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