निजी बस संचालकों की हड़ताल का मिलाजुला असर
निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल के चलते राजस्थान रोडवेज की बसों पर इसका भार पड़ा और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
जयपुर। निजी बसों में किराया बढ़ाने, अस्थाई परमिट की व्यवस्था ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन करने, चुनावों में निजी बसों को किराया 2250 रुपए से बढ़ाकर 4500 रुपए करने सहित 24 सूत्रीय मांगों को लेकर निजी बस ऑपरेटर्स ने मंगलवार से बसों का संचालन नहीं किया।
हालांकि निजी ऑपरेटर्स की हड़ताल घोषणा का संचालकों पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा और राजधानी जयपुर से ही विभिन्न मार्गों पर बसों का संचालन हुआ। निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल के बाद यूनियन के पदाधिकारियों के साथ परिवहन आयुक्त मनीषा अरोड़ा के साथ बैठक भी आयोजित हुई।
बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन राजस्थान के महासचिव रविप्रकाश सैनी ने बताया कि निजी बस संचालकों कीे मांगों को लेकर परिवहन आयुक्त के साथ आयोजित वार्ता सकारात्मक हुई और 15 मांगों पर सहमति बनी है।
उन्होंने बताया कि अगर सात दिवस में आदेश जारी नही किए जाते है जो दुबारा से पूरे राजस्थान की यूनियन से वार्ता करके आगे अनिश्चित काल की घोषणा की जाएगी।
रोडवेज बसों पर बढ़ा भार
निजी बस ऑपरेटर्स की हड़ताल के चलते राजस्थान रोडवेज की बसों पर इसका भार पड़ा और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हड़ताल के चलते ऐसे यात्रियों को अधिक परेशानी हुई जहां रोडवेज की बसों का संचालन नहीं होता है और वहां केवल निजी बसों का ही संचालन होता है।
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