12 बैठक होनी थी, सात पर अटकी जिला परिषद

छह माह से नहीं हुई जिला परिषद की सामान्य बैठक, विकास कार्य ठप

12 बैठक होनी थी, सात पर अटकी जिला परिषद

लंबे समय से बिजली, सड़क, पानी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है। जिससे जिला परिषद सदस्यों को वार्ड में काम कराने में परेशानी हो रही है।

कोटा। जिला परिषद की सामान्य बैठक पिछले छह से नहीं होने से जिला परिषद के सदस्यों के नये विकास कार्य और वार्ड में आ रही समस्याओं का समय पर निस्तारण नहीं हो पा रहा है। अंतिम बैठक 9 फरवरी को हुई उसके बाद  24 जून को बैठक होनी थी लेकिन विधानसभा सत्र शुरू होने से यह बैठक स्थगित हुई जो आज तक नहीं हुई। इस साल की अंतिम बैठक 9 फरवरी 2024 को हुई उसके बाद से अब तक हर बार तारीख देकर बैठक स्थगित होने का क्रम चल रहा है। उल्लेखनी है कि पहले 14 अगस्त 2023  को आखिरकारी बैठक हुई थी। लंबे समय  से साधारण सभा की बैठक नहीं जनप्रतिनिधियों को अपनी समस्याए रखने का अवसर नहीं मिल रहा जिससे उनमें काफी आक्रोश है। सरकार का  हर तीन माह में सामान्य बैठक होने के प्रावधान है । लेकिन पिछले साल भी विधान सभा सत्र के चलते जुलाई 2023 में दो बार सामान्य बैठक स्थगित करनी पड़ी। पिछले साल सात माह में बैठक हुई थी। इस साल एक बार ही बैठक हुई है। लंबे समय से  बिजली, सड़क, पानी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है। जिससे जिला परिषद सदस्यों को वार्ड में काम कराने में परेशानी हो रही है। जनप्रतिनिधियों को वार्ड में आ रही समस्याओं को बताने का प्लेटफार्म यही समान्य सभा की बैठक होती है। इसका इंतजार लंबा हो रहा है। 

बैठक में इन मुद्दों होती है चर्चा
बैठक में पेयजल, विद्युत एवं सड़क व्यवस्था पर और गांवों के नए कार्यो के बजट आवंटन पर चर्चा होती है। साथ  ही महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर भी चर्चा होकर गांवों उनके विकास कार्य की समीक्षा और खामियों पर चर्चा होती है। साथ बैठक में पिछली बैठक कार्यवाहीं अनुपालना का अनुमोदन किया जाता है। इसके अलावा पेयजल पर चर्चा  होती है। वार्ड में विद्युत व्यवस्थाओं, सड़क व्यवस्था और नई सड़कों के निर्माण और बनाई गई सड़कों में आ रही समस्याओं पर चर्चा होती लेकिन लंबे समय से बैठक नहीं होने से इन मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। 

अंतिम बैठक 9 फरवरी को हुई 
जिला परिषद की नियमानुसार हर तीन माह में एक बार सामान्य बैठक का प्रावधान है। लेकिन तीन साल के कार्यकाल में अभी तक 12 बैठक होनी चाहिए थी लेकिन अभी तक कुल सात ही बैठक हुई है। एक विशेष बैठक हुई है। 

 जिला परिषद का चुनाव होने के बाद इन तिथियों में हुई बैठक
 पहली सामान्य बैठक 4 फरवरी 2022 को हुई थी। उसके बाद दूसरी बैठक 12 मई 2022 को हुई। तीसरी बैठक 9 सितंबर 22 को हुई। चौथी बैठक 15 नवंबर 2022को विशेष बैठक हुई। पिछले साल की पहली सामान्य  बैठक 20 जनवरी 2023 को हुई। उसके बाद सात माह तक कोई बैठक नहीं हुई। इस बीच में 21 जून का विशेष बैठक हुई जिसमें बजट स्वीकृत कर वार्डाे के कार्य कराए गए। इसमें जनप्रतिधियों ने ही हिस्सा लिया सदस्य नहीं आए। उसके बाद 24 अगस्त को पिछले साल की अंतिम बैठक हुई। उसके बाद विधानसभा चुनाव और सरकार का गठन उसके बाद लोकसभा चुनाव और आचार संहिता के चलते बैठक नहीं हुई। वर्ष 2024 में पहले बैठक 9 फरवरी को हुई। उसके बाद साढे तीन माह तक कोई बैठक नहीं हुई। उसके बसद 24 जून को समान्य बैठक होने वाली थी उसको भी स्थगित कर दिया। पिछले छह माह से कोई बैठक नहीं होने से विकास कार्य रूके हुए है। नए बजट आवंटन नहीं हो रहे कामों की प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं हो रही है।

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लोगों की जनसमस्याओं को रखने लंबे समय से अवसर नहीं मिल रहा है। जिससे विकास कार्य ठप पड़े। जनप्रतिनिधि गांव में विकास नहीं करा पा रहे है। ग्रामीणों की बिजली, पानी की समस्याआें समाधान नहीं हो रहा है।
- धर्मराज मीणा, ग्रामीण

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बैठक नहीं होने से विकास  कार्य को लग रहा ब्रेक
गांवों का विकास कार्य तेजी से हो इसके लिए हर तीन माह में जिला परिषद की साधारण सभा का प्रावधान है लेकिन  जिला परिषद के गठन के बाद से ही अब तक मात्र सात बैठकें हुई जबकि 24 जून को होने वाली बैठक भी स्थगित हो गई थी। पिछले छह माह से कोई बैठक नहीं हुई। ग्रामीण इलाकों के विकास कार्य रूके हुए नए कार्य आवंटन नहीं हो रहे है। कई बार सीईओ व जिला प्रमुख को बैठक बुलाने के लिए पत्र लिखे लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की उदासिनता से हर बार बैठक स्थगित हो जाती है।
- योगेंद्र नंदवाना, जिला परिषद सदस्य वार्ड 66 किशनपुरा

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तीन साल से सारे काम अटके हुए 
जिला परिषद साधारण सभा की बैठक नहीं होने से क्षेत्र का विकास कार्य रूका हुआ है। सारा खेल पैसो का है। बजट नहीं मिलेगा तो विकास कार्य नहीं होंगे। ग्राम विकास के इंटरलॉगिक ग्रेवल सड़क और गांवों की बिजली पानी की समस्याओं के समाधान नहीं हो रहे है। नए बजट आवंटित नहीं हो रहे है। सीईओ व जिला प्रमुख को कई बार साधरण सभा की बैठक के लिए अवगत कराया लेकिन बैठक आयोजित नहीं हुई।
- अनिता मीणा, जिला परिषद सदस्य वार्ड 13 गणेशपुरा

ढाई साल में तीन लाख कार्य हुआ
 पिछले ढाई साल में मेरे वार्ड में मात्र तीन लाख रुपए का कार्य हुआ है। जिला प्रमुख तो नाम मात्र का है। जिला परिषद सदस्यों की कोई सुनवाई नहीं होती है। जिला परिषद भगवान भरोसे चल रही है। विकास कार्य जीरो हुए है। कागजों में ही विकास कार्य हो रहे है। बैठके होती नहीं अपनी समस्याएं किसे सुनाए।
- अब्दुल सलाम, जिला परिषद सदस्य खिमच

31 अगस्त को बुलाने के लिए का था अभी सीईओ ने कोई कार्रवाई नहीं
विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद से ही साधारण सभा बुलाने को लेकर जिला परिषद सीईओ को पत्र लिखा था। 31 अगस्त का मंत्री ने बैठक में आने समय भी दे दिया लेकिन अभी तक सीईओ की ओर से कोई आदेश क्यो नहीं निकाला है। इस बारे जानकारी मांगी है। 
- मुकेश कुमार मेघवाल, जिला प्रमुख 

इनका कहना है। 
 विधानसभा सत्र चलने से साधारण सभा की बैठक की तिथि तय नहीं हुई है।अब सभी एमएल से सहमति लेकर शीघ्र बैठक आयोजित की जाएगी। हमारी ओर से बैठक को लेकर सभी तैयारी है। जनप्रतिनिधियों की सहमति मिलते ही तिथि तय की जाएगी। 
- अशोक त्यागी, सीईओ जिला परिषद कोटा

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