निगम कर रहा वसूली, भीतरिया कुंड की तिबारी अब मांग रही मरम्मत भारी

बरसात में तिबारी कीे छत टपकने से आयोजन कर्ताओं को ही रही समस्या

निगम कर रहा वसूली, भीतरिया कुंड की तिबारी अब मांग रही मरम्मत भारी

कई लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। विशेष रूप से महिलाओं व बुजुर्गों को।

कोटा । शिवपुरा स्थित  नगर निगम के भीतरिया कुंड में बनी तिबारियों की  कई सालों से मरम्मत तक नहीं हुई है। यही कारण है कि  इनकी छत बरसात में इतनी ज्यादा टपक रही है कि वहां आयोजन करने वालों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। भीतरिया कुंड का संचालन नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा किया जा रहा है। यहां गार्डन तो बना हुआ है। साथ ही छोटे-छोटे आयोजनों के लिए तीन तिबारियां भी बनाई गई हैं। इन तिबारियों को नगर निगम के राजस्व अनुभाग से किराए पर दिया जाता है। जिससे लोग यहां जन्म दिन, सेवानिवृत्ति, सगाई व विदाई और अन्य आयोजन करने के लिए किराए पर लेते हैं।  सामान्य दिनों की तुलना में बरसात में इन तिबारियों को किराए पर लेने का मकसद आयोजकों का बरसात से बचाव रहता है। बरसात के दिनों में छत के नीचे कार्यक्रम करने से लोगों को कार्यकरम करने  पर बरसात से बचत रहती है। लेकिन हालत यह है कि ये तीनों तिबारियों की छत बरसात में टपक रही है। 

आयोजन करने वाले परेशान हुए लोग
कुछ दिन पहले भी भीतरिया कुंड में एक समाज का कार्यक्रम था। उस समाज के लोग जब कार्यक्रम में गए तो उन्हं तिबारी की छत से  टपकते पानी की समस्या का सामना करना पड़ा। लोगों ने बताया कि बरसात से बचने के लिए यहां तिबारी में आयोजन किया। लेकिन यहां छत से पानी टपकने पर उससे बचने के लिए लोग इधर से उधर बचते रहे। कई लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। विशेष रूप से महिलाओं व बुजुर्गों को। 

मवेशियों का जमघट भी समस्या
भीतरिया कुंड में आने वालों का कहना है कि यहां बरसात में तिबारी टपकने के साथ ही मवेशियों की भी समस्या है। इस गार्डन का मेन गेट खुला रहने से कई लोग वाहन तो अंदर तक लेकर आते ही है। साथ ही गेट से बड़ी संख्या में गाय भी अंदर आ जाती है। जिससे यहां आयोजन करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें रोकने के लिए यहां गार्ड तक नहीं है। 

तिबारी की छतों की मरम्मत करवाएंगे
नगर निगम कोटा दक्षिण के निर्माण अनुभाग अधिकारियों का कहना है कि भीतरिया कुंड का किराया काफी कम है। इतने कम किराए में ऐसी सुविधाजनक जगह मिलना मुश्किल है। यहां साल में 6 महीने ही आयोजन अधिक होते है। जबकि अक्टूबर से फरवरी तक सर्दी में यहां बहुत कम आयोजन होते हैं। बरसात में छत टपकने की समस्या है। उसके लिए छतों की मरम्मत का प्रयास किया जाएगा। 

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किराया कम होने से लोगों की पसंद
शहर में एक ओर जहां केडीए के सामुदायिक भवनों और निजी लोन का किराया काफी अधिक है। वहीं भीतरिया कुंड में आयोजन करने का किराया काफी कम होने से अधिकतर लोगों की यह पहली पसंद रहता है। नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां दो छोटी और एक बड़ी तिबारी बनी हुई है। छोटी तिबारी का किराया 1680 रुपए प्रतिदिन का और बड़ी तिबारी का किराया 2270 रुपए है।  अन्य स्थानों पर जहां किराए के अलावा जीएसटी व सलाई व बिजली का शुल्क अलग से लगता है। वहीं भीतरिया कुंड में आयोजन कर्ताओं को किराए के अलावा अन्य कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। इस किराए में जीएसटी व सफाई शुल्क भी शामिल है। ऐसे में इतने कम किराए  में लोगों को यहां तिबारी के साथ ही भोजन बनाने की जगह और गार्डन, मंदिर के दर्शन व चम्बल नदी के किनारे का आनंद भी मिलता है। साथ ही वाहन खड़े करने की भी समस्या नहीं है। 

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