देश की दूसरी परमाणु पनडुब्बी अरिघात नौसेना के बेड़े में शामिल
अरिहंत श्रेणी की दूसरी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात बृहस्पतिवार को विशाखापतनम में नौसेना के बेड़े में शामिल हो गयी जिससे नौसेना की मारक क्षमता कई गुना बढ गयी है।
नई दिल्ली। अरिहंत श्रेणी की दूसरी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात बृहस्पतिवार को विशाखापतनम में नौसेना के बेड़े में शामिल हो गयी जिससे नौसेना की मारक क्षमता कई गुना बढ गयी है।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अनेक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी तथा सुरक्षा क्षेत्र से जुड़े अधिकारी भी मौजूद थे।
सिंह ने अपने संबोधन में विश्वास जताया कि अरिघात देश की परमाणु तिकड़ी यानी परमाणु ट्रायडंट को और मजबूत करेगी, परमाणु प्रतिरोध को बढ़ाएगी, क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन और शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी और देश की सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभाएगी। उन्होंने इसे राष्ट्र के लिए उपलब्धि और सरकार के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के अटूट संकल्प का प्रमाण बताया।
रक्षा मंत्री ने इस क्षमता को हासिल करने में कड़ी मेहनत और तालमेल के लिए भारतीय नौसेना, डीआरडीओ और उद्योग की सराहना की। उन्होंने इस आत्मनिर्भरता को आत्मशक्ति की नींव बताया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से देश के औद्योगिक क्षेत्र, विशेषकर एमएसएमई को भारी बढ़ावा मिला है और रोजगार के अधिक अवसर पैदा हुए हैं।
अरिहंत श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी अरिघात अरिहंत का उन्नत स्वरूप है और यह अत्याधुनिक हथियार प्रणाली तथा उपकरणों से लैस है। इसे कठिन तथा निरंतर परीक्षणों की सफलता के बाद नौसेना को सौंपा गया है। अरिघात की लंबाई 112 मीटर, चौड़ाई 11 मीटर तथा इसका वजन 6 हजार टन है । पनडुब्बी में घातक के-15 मिसाइलें लगी हैं जो 750 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम हैं। इसकी विशेषता यह है कि यह दुश्मन को चकमा देकर उसकी पकड़ में आये बिना हमला करने में सक्षम है। पनडुब्बी डेढ हजार फुट से भी अधिक गहराई तक पानी में जा सकती है।
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