मानव और पशु स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है गाजर घास
भूमि हो रही बंजर : खेत खलियानों के आसपास पांव पसार रही गाजर घास
गाजर घास क्षेत्र में तेजी से फैलती जा रही है।
सुल्तानपुर। गाजर घास बहुत ही खतरनाक खरपतवार हैं। अब इसने खेत खलियानों के साथ ही ग्रामीण घरों के आसपास की जगह पर पाँव पसारना शुरू कर दिया है। गाजर घास सब खरपतवारों में सबसे विनाशकारी खरपतवार हैं क्योंकि यह खरपतवार कई तरह की समस्याएं पैदा करता हैं। क्षेत्र में ड्रेन एवं नहरों के किनारे पर गाजर घास के मात्रा दिनों दिन बढ़ने से किसानो को खेत बंजर होने की चिंता सता रही है। गाजर घास क्षेत्र में तेजी से फैलती जा रही है। समय रहते गाजर घास की रोकथाम के लिए उपाय नहीं किए गए तो वह दिन दूर नहीं जब क्षेत्र के खेतोंं में फसल से अधिक गाजर घास देखने को मिलेगी। गाजर घास सभी के लिए नुकसानदेह है, गाजर घास ना तो पशुओं काम आती है। नहरों के किनारे गाजर घास होने से यह पानी के साथ खेतों तक पहुंच चुकी है, इसका बीज जहरीला होता है मनुष्य के हाथ लगाने पर या त्वचा के संपर्क में आने पर खुजली पैदा करता है।
मुख्य रूप से नहरों के किनारे उगने वाली गाजर घास किसानों की चिंता का कारण बनी हुई है। गाजर घास का आतंक इतना बढ़ चुका है कि नहरों में पानी छोड़ने पर पानी के साथ खेतों में पहुंचकर फसलों को नष्ट कर हो सकती है। एक पौधे से हजारों बीज उत्पन्न होते हैं जो जमीन को बंजर बना देते हैं। सीएडी प्रशासन ने समय रहते कोई उपाय नहीं किया तो गाजर घास को रोकने में समस्या आ सकती है, किसानों ने समय रहते समस्या समाधान की भी मांग की है।
- जगदीश शर्मा, भारतीय किसान संघ
नहर से होते हुए गाजर घास वर्तमान में खेतों की ड्रेन पर एवं खेतों की मेर तक पहुंच चुका है, गाजर घास जानवरों के लिए भी नुकसानदेह है साथ ही मनुष्य अगर उसे छूता है तो उसे भी खुजली हो जाती है जिसके चलते हैं किसान के साथ ही किसानों के जानवर भी गाजर घास के शिकार बन रहे हैं।
- बबलू शर्मा, किसान
समय रहते अगर गाजर घास को खत्म करने का उपाय नहीं किया गया तो जमीन बंजर होने की कगार पर पहुंच जाएगी, क्योंकि वर्तमान में क्षेत्र में जगह-जगह पर गाजर घास का आतंक देखा जा रहा है।
- नरेंद्र दाधीच, किसान
गाजर घास न केवल खेतों में उगने वाली फसलों की पैदावार व गुणवता पर विपरीत असर डालते हैं। बल्कि मानव और पशु स्वास्थ्य पर भी यह घातक असर डालते हैं। गाजर घास का पौधा रेगिस्तान के अलावा कहीं भी आसानी से उग सकता है। इसकी पत्तियां गाजर की पत्तियों की तरह होती हैं जिन पर रोंयें लगे होते हैं। गाजरघास का प्रत्येक पौधा लगभग 15000 से 25000 अत्यन्त सूक्ष्म बीज पैदा करता हैं। इसके बीज हल्के होने के कारण यह दूर तक फैल सकते हैं। इसका पौधा प्रकाश एवं तापक्रम के प्रति उदासीन रहता हैं अत: यह सालभर उगता है खरपतवार को फूल आने से पहले उखाड़ कर जला देना चाहिये ताकि इसके बीज न बन पायें व न ही फैल पाए। खरपतवार को उखाड़ते समय दस्तानों का प्रयोग करना चाहिए। अनउपजाऊ भूमि पर उगी गाजर घास के ऊपर 20 प्रतिशत साधारण नमक का घोल बनाकर छिड़काव करें। गाजर घास का नियंत्रण के लिए हम इसके प्राकृतिक शत्रु मुख्यत: मैक्सिकन बीटल (जाइगोग्रामा बाईकोलोराटा) जो इस खरपतवार को बहुत मजे से खाता है इसके ऊपर छोड़ देना चाहिए।
- डॉ. जगमोहन सैनी, कृषि विशेषज्ञ
सीएडी विभाग द्वारा नहरों की साइडों पर झाड़ झंकार व गाजर घास आदि होने पर नरेगा योजना के तहत मस्टरोल जारी करवाकर के साफ सफाई कराई जाती है। गर्मी के दिनों में करवाई गई थी बारिश के समय एवं सर्दी में भी ऐसी स्थिति आने पर मस्टररोल जारी करा करके शीघ्र सफाई करा दी जाएगी। माइनर पर ऐसी स्थिति होने पर नहर के अध्यक्षों द्वारा ही साफ सफाई कराई जाती है। वर्तमान में भी कुछ स्थानों पर नरेगा योजना के तहत साफ सफाई कराई जा रही है।
- हेमराज मीणा, एईएन सीएडी विभाग
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