सड़क पर सुबह की सैर, फिर नहीं सेहत की खैर!
सावधान : सुबह के समय जमीन पर रहते हैं प्रदूषण के कण
अस्थमा व सीओपीडी के अटैक का खतरा अधिक।
कोटा। बेहतर स्वास्थ्य के लिए अगर आप मुख्य मार्गों और सड़क किनारे मॉर्निंग वॉक कर रहे हैं, तो ठहरिए! यह मॉर्निंग वॉक आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। धुंध और कोहरे के कारण में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। सड़कों पर धुंआ और धूल सुबह की सैर करने वालों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। वायु प्रदूषण में पीएम 2.5 के कण सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 में कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। ये कण वाहनों के धुएं और ईंधन के जलने से निकलते हैं। चूंकि ये कण बहुत छोटे होते हैं, तो श्वास के साथ आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
इसलिए सुबह की हवा ज्यादा प्रदूषित
विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार सुबह के समय प्रदूषण यानी पार्टिकुलेट मेटर्स जमीन पर या जमीन के बेहद नजदीक होते हैं। उस समय हवा भी नहीं चल रही होती है, लिहाजा जो लोग मॉर्निग वॉक पर जाते हैं और इस हवा में सांस लेते हैं वे शुद्ध व ताजी हवा के बजाय इन प्रदूषित तत्वों को इनहेल कर रहे होते हैं। वहीं एक हकीकत यह है भी है कि जब आप सुबह उठकर एक्सरसाइज करते हैं तो आपको ज्यादा आॅक्सीजन की जरूरत होती है। ऐसे में प्रदूषण और कार्बन सीधे-सीधे फेफड़ों और फिर उससे ब्लड में जाकर नुकसान पहुंचाता है। शाम के समय भी यही स्थिति रहती है। शाम छह-सात बजे के बाद एकदम से स्मॉग आने लगता है, जिसमें प्रदूषण और धूल मिली होती है। जिससे बीमारियों का खतरा हो सकता है।
वायु प्रदूषण की स्थिति
दिसंबर सुबह 6 बजे - 255 - 24
दिसंबर सुबह 7 बजे - 250 - 25
दिसंबर सुबह 7 बजे - 252 - 26
दिसंबर सुबह 6 बजे - 245 -27
दिसंबर सुबह 7 बजे - 240 - 28
कोटा में एक्यूआई 240 यानी प्रदूषित हवा
इस समय वातावरण में धुंध की एक परत से छा रही है। वहीं उत्तर भारत से बहती सर्द हवाओं में मौजूद पीएम-2.5 के कण समेत अन्य नुकसानदायक गैसें वातावरण में लंबे समय तक तैर रही हैं। इस कारण कोटा शहर में वायु प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की वेबसाइट के अनुसार शहर में शनिवार को एक्यूआई 240 दर्ज किया गया है। दिसंबर माह की शुरूआत से ही एक्यूआई 150 से 300 के आस-पास बना हुआ है, जो खतरनाक है। यह पिछले वर्षों की तुलना में असामान्य भी है। हालांकि कुछ दिनों की तुलना में वायु प्रदूषण का ग्राफ कम जरूर हुआ है। इसके बावजूद यह सेहत के लिए काफी खतरनाक है और विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
ऐसे करें बचाव
- सर्दी के मौसम में मुख्य मार्गों और सड़क किनारे मॉर्निंग वॉक से बचें, क्योंकि पीएम 2.5 के कण सड़क किनारे सबसे अधिक होते हैं। सुबह ये कण जमीन की सतह पर होते हैं।
- घर के आसपास के पार्कों में ही सुबह की सैर करें, क्योंकि वहां पीएम 2.5 के कण कम होते हैं।
- वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होने पर घर पर भी योग और व्यायाम करें। बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को प्रदूषण स्तर की जानकारी लेकर ही बाहर निकलना चाहिए।
इनका कहना है
अधिक प्रदूषण में सही तरीके से सांस लेना मुश्किल हो जाता है और उसके चलते कई दिक्कतें हो सकती है। प्रदूषण के दौरान जो लोग सड़कों पर मॉर्निग वॉक पर जाते हैं, उस समय सांस लेते समय आॅक्सीजन के साथ प्रदूषण भी फेफड़ों तक आसानी से पहुंच जाता है। इससे फेफड़ो को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
- डॉ. कपिल भोला, फिजिशियन
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