‘कुछ दिल ने कहा’...‘अहसासों की वो किताब जिसमें लेखक ने कथ्य के मर्म को छुआ है

‘कुछ दिल ने कहा’...‘अहसासों की वो किताब जिसमें लेखक ने कथ्य के मर्म को छुआ है

प्रियंका जोधावत ने बताया कि ये पुस्तक एक तरह से हमें उपन्यास ,कहानी संग्रह, कविता संग्रह, यात्रा संस्मरण तो कभी डायरी विधा सभी की एक साथ अनुभूति करवा देती है।

जयपुर। आरएएस अधिकारी प्रियंका जोधावत ने अपनी तमाम प्रशासनिक व्यवस्तताओं के बावजूद अपने भीतर छिपे अहसासों को तनिक भी तिरोहित नहीं होने दिया है। प्रियंका अपने मन में उठने वाले विचारों को पिछले पांच साल से ब्लॉग के रूप में लिखती आ रही हैं। उन्होंने अपने ब्लॉग लेखन के इसी पांच साल के सफर को पुस्तक रूप देकर पाठकों के लिए जारी किया है, जो इन दिनों विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से पुस्तक प्रेमियों को आकर्षित कर रहा है । उन्होंने इस पुस्तक को नाम दिया है ‘कुछ दिल ने कहा’। 

पांच साल में अपने ब्लॉग से उपजी ये अहसासों की किताब बहुत ही अनूठी है। इस किताब के जरिए लेखक ने उन सभी फनकारों, अदाकारों और उनके सृजन को याद किया है जिन्होंने खास लोग हों या आम लोग सभी को कभी रंगीन सपने दिखाए तो कभी दर्द में भी गुनगुना सिखाया।

इस किताब की खासियत ये है कि इसमें लेखक ने जयशंकर प्रसाद, जावेद अख्तर, साहिर लुधियानवी और गुलजार जैसे लेखकों के बोलों को सुना और फिर अपने अहसासों के साथ बुना है । 

प्रियंका जोधावत ने बताया कि ये पुस्तक एक तरह से हमें उपन्यास ,कहानी संग्रह, कविता संग्रह, यात्रा संस्मरण तो कभी डायरी विधा सभी की एक साथ अनुभूति करवा देती है।

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