झांपदा में ग्रामीणों द्वारा तैयार किए गए कच्चे बांध की कट्टों में मिट्टी डालकर ग्रामीण कर रहे मजबूती 

झांपदा में ग्रामीणों द्वारा तैयार किए गए कच्चे बांध की कट्टों में मिट्टी डालकर ग्रामीण कर रहे मजबूती 

लालसोट उपखंड क्षेत्र के झांपदा गांव में ग्रामीणों द्वारा मोरेल नदी के बहाव क्षेत्र में नदी की सड़क किनारे रपट के पास बनाए गए मिट्टी के कच्चे बांध में पानी की आवक बढ़ने के साथ ही बंद को ओवरफ्लो होकर पानी करीब दो फीट सड़क पर बह रहा है।

दौसा। लालसोट उपखंड क्षेत्र के झांपदा गांव में ग्रामीणों द्वारा मोरेल नदी के बहाव क्षेत्र में नदी की सड़क किनारे रपट के पास बनाए गए मिट्टी के कच्चे बांध में पानी की आवक बढ़ने के साथ ही बंद को ओवरफ्लो होकर पानी करीब दो फीट सड़क पर बह रहा है।

झांपदा सरपंच प्रीतम सिंह ने बताया कि मंगलवार को भी ट्रैक्टर व जेसीबी की सहायता से बांध पर लगातार मिट्टी डालने का कार्य किया गया। साथ ही मिट्टी के कट्टे भरकर तैयार किये जा रहे हैं। दिन रात ग्रामीण बांध पर देखरेख करते हैं एवं बांध को मजबूत बनाने के लिए मिट्टी डालने का कार्य लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि गांव के लोगों द्वारा बांध की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से दिन रात देखरेख की जा रही है। ग्रामीणों द्वारा बांध की भराव क्षमता 10 फीट के लगभग बना दी गई है। साथ ही बताया कि सुबह से ही लोगों की भीड़ बांध को देखने के लिए उमड़ रही है एवं रास्ते में आने जाने वाले लोग भी रुक कर बांध का अवलोकन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगर बांध में पानी का भराव रहता है तो क्षेत्र के सभी लोगों को इस भराव वाले पानी से पेयजल पानी एवं सिंचाई के लिए पानी का लाभ होगा। रविवार सुबह से ही ग्रामीणों द्वारा इस कच्चे बांध के निर्माण कार्य को लगातार मिट्टी डालकर मजबूत किया जा रहा है एवं बांध की सुरक्षा के लिए मिट्टी के कट्टे भी तैयार करके रख रखे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उनका उपयोग कर सके। वहीं दूसरी ओर झांपदा ग्राम में ग्रामीणों द्वारा बनाए गए कच्चे बांध के पूरा भरने के बाद ओवरफ्लो होकर मुख्य सड़क मार्ग की रपट पर होकर लगभग दो फीट पानी सड़क पर आने से दो पहिया वाहनों का आवागमन तो पूरी तरह बंद हो गया वहीं चौपहिया वाहन चालकों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ग्रामीण लोगों को पानी में होकर अपने वाहनों के साथ आवागमन करने से संभावित दुर्घटना को देखते हुए रोकने का प्रयास भी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बंद भरने से आसपास के कई गांव में जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकेगी।

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