सीवर से बिगड़ रहा रिवर फ्रंट का नजारा
नयापुरा और रामपुरा घाटों की तरफ से नदी में जा रहा गंदा पानी
चम्बल नदी में गंदे नालों का पानी नहीं जाए उसे रोकने के लिए एसटीपी का निर्माण भी कराया गया है।
कोटा । नगर विकास न्यास ने करोड़ों रुपए खर्च कर विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल चम्बल रिवर फ्रंट का निर्माण तो करवा दिया। लेकिन उसकी सही ढंग से देखभाल नहीं होने व सीवरेज का गंदा पानी गिरने से घाटों की दुर्दशा हो रही है। कई घाट तो काले पड़ गए हैं और गंदा पानी चम्बल नदी में जा रहा है। न्यास ने चम्बल नदी के दोनों किनारों पर कोटा बैराज से नयापुरा की रियासत कालीन पुलिया तक करीब साढ़े 5 कि.मी. एरिया में रिवर फ्रंट का निर्माण कराया है। इसके बीच में आकर्षक घाट बनाए हैं। हर घाट अपने आप में अलग पहचान लिए हुए है। वहीं चम्बल नदी में गंदे नालों का पानी नहीं जाए उसे रोकने के लिए एसटीपी का निर्माण भी कराया गया है। लेकिन हालत यह है कि इतना सब कुछ करने के बाद भी इन घाटों की सही ढंग से देखभाल नहीं की जा रही।
इन घाटों पर गिर रहा गंदा पानी
रिवर फ्रंट के नयापुरा घाट की तरफ लाड़पुरा करबला की सीवर लाइन का गंदा पानी गिर रहा है। केडीए अधिकारियों ने करबला में फोर्ट वाल पर सीवर लाइन जाम होने पर ओपन ड्रेन बनाकर सीवर लाइन को रिवर फ्रंट के घाट की तरफ मोड़ दिया। जिससे उस पूरे क्षेत्र का गंदा पानी नयापुरा घाट की तरफ गिर रहा है। वहीं रामपुरा घाट की तरफ भी कई दिन से सीवरेज का गंदा पानी आने से उस घाट पर भी गंदगी व दुर्गंध तो हो ही रही है। साथ ही वह घाट काला पड़ने लगा है।
न्यास इंजीनियरों की मेहनत पर पानी
महावीर नगर निवासी राकेश नामा ने बताया कि नगर विकास न्यास के इंजीनियरों ने दिन रात मेहनत कर इस रिवर फ्रंट को तीन साल के कम समय में एक ऐतिहासिक मुकाम तक पहुंचाया है। हालांकि उनमें से वर्तमान में अधिकतर इंजीनियर व अधिकारी यहां पद स्थापित नहीं हैं। लेकिन उनकी उस मेहनत व शहर के आकर्षक पर्यटन स्थल की दुर्दशा की जा रही है।
विश्व धरोहर की सार संभाल हो
रिवर फ्रंट घूमने आए जयपुर निवासी महेश सिंघल ने बताया कि कोटा में विश्व स्तरीय धरोहर बनी है। जिसके बारे में काफी सुना थघा। अब समय मिला है तो परिवार समेत देखने आए है। लेकिन नयापुरा व रामपुरा घाटों की तरफ से सीवरेज का गंदा यहां से बह रहा है। जिससे इनकी दुर्दशा हो रही है। जबकि अधिकारियों को इनकी सार संभाल करनी चाहिए। रिवर फ्रंट पर आए सवाई माधोपुर निवासी गंगाधर मीणा का कहना है कि राजस्थान ही नहीं पूरे देश में इस तरह का पर्यटन स्थल नहीं देखा। जहां विविधता के साथ विश्व की अलग-अलग कलाकृतियां बनाई गई है। रात के समय तो यहां का नजारा देखने लायक रहता है। लेकिन दो घाट की तरफ से आ रहा गंदा पानी चम्बल नदी में गिर रहा है। जिससे नदी का पानी भी दूषित होने लगा है। ऐसे में यहां आने वाले पर्यटक उस स्थिति को देखकर यहां की छवि को अच्छी बनाने की जगह धूमिल लेकर जा रहे हैं।
इनका कहना है
लाड़पुरा करबला की सीवर लाइन को खाई रोड की तरफ स्क्रीन में मिलाने का काम किया जा रहा है। हालांकि वहां का गंदा पानी बहुत कम घरों का रिवर फ्रंट की तरफ आ रहा है। जिससे नयापुरा घाट की तरफ का कुछ हिस्सा प्रभावित हो रहा है। रामपुरा घाट की तरफ सीवरेज का चैम्बर जाम होने से वह ओवर फ्लो होकर बह रहा है। पिछले कुछ दिन से यह स्थिति बनी है। जिससे उस रामपुरा घाट की तरफ से अधिक गनदा पानी नदी में जा रहा है। रामपुरा घाट का कुछ हिस्सा भी काला पड़ा है। हांलाकि प्रयास किए जा रहे हैं कि इसे शीघ्र ही सही कर दिया जाएगा।
-भूपेन्द्र बंशीवाल, एक्सईएन कोटा विकास प्राधिकरण
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