मानसून सीजन में करीब 7 करोड़ पेड़ लगाने का दावा

जिम्मेदारी रहने से इतने पौधे लगाए गए

मानसून सीजन में करीब 7 करोड़ पेड़ लगाने का दावा

शिक्षा विभाग ने तो दो करोड़ वृक्षारोपण का अभियान चलाया था और वन विभाग के पास प्रमुख तौर पर जिम्मेदारी रहने से इतने पौधे लगाए गए।

जयपुर। राज्य सरकार की एक रिपोर्ट में सभी विभागों, नगरीय निकायों, प्राइवेट कंपनियों और जनसहयोग से प्रदेशभर में करीब सात करोड़ पेड लगाए जाने का दावा किया गया है। सबसे ज्यादा वृक्षारोपण वन विभाग, शिक्षा विभाग और राज्य नरेगा विभाग ने लगाए हैं। इन तीनों विभागों ने करीब पौने पांच करोड़ पेड़ लगाए हैं। वहीं, सरकारी कागजों की इस रिपोर्ट का असर अब देखना बाकी है। इतना वृक्षारोपण होने के बाद इनका सरवाइवल प्रतिशत अगले कुछ महीनों में देखने के बाद हकीकत पता चलेगी। राज्य सरकार ने हाल ही में प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान के तहत लगे पौधों की रिपोर्ट बनाई। प्रदेशभर के 50 जिलों में वृक्षारोपण की रिपोर्ट में महज दो विभाग वन और शिक्षा विभाग ही दो करोड़ से अधिक आंकडा पार कर पाए। शिक्षा विभाग ने तो दो करोड़ वृक्षारोपण का अभियान चलाया था और वन विभाग के पास प्रमुख तौर पर जिम्मेदारी रहने से इतने पौधे लगाए गए।

वृक्षारोपण कार्यक्रम में सरकारी विभागों के अलावा प्राइवेट कंपनियों ने भी सीएसआर फंड के जरिए वृक्षारोपण करने का दावा किया है। सभी तरह की कुल 18 श्रेणी में करीब सात करोड़ तक पहुंच चुके इस वृक्षारोपण के आंकडों की हरियाली अब धरातल पर कितने दिन तक नजर आएगा, यह आगामी महीनों में पता चल पाएगा। राज्य में नरेगा विभाग के माध्यम से भी एक करोड़ से अधिक पेड़ लगाए गए, लेकिन कई वृक्षारोपण कार्यक्रम शिक्षा और राजीविका में शामिल होने से आंकडे इधर उधर हो गए। कई जगह तेज बारिश से जलभराव के कारण कुछ विभागों का आंकडा शून्य भी रहा। जोधपुर में नरेगा विभाग, वन विभाग, राजीविका, उद्यानिकी,पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग की तरफ से एक भी पेड नहीं लगाया गया। कई विभाग कुछ जिलों में वृक्षारोपण में शून्य आंकडा लिए हुए हैं।

हर साल करोड़ों पेड़, लेकिन कुछ ही दिनों में हरियाली गायब
प्रदेश में हर साल करोड़ों पौधे लगाने का दावा किया जाता है, लेकिन मानसून खत्म होने के कुछ दिनों बाद ही यह धरातल पर यह हरियाली आंकडों के लिहाज से नजर नहीं आती। इसकी वजह है कि अधिकांश विभागों के वृक्षारोपण में खानापूर्ति करने से पेडों क सरवाइल परसेंट बहुत कम होता है। इस बार भी कई जगह पौधों की जगह टहनियों को रोपने, सूखे पेडों को फिर से रोपने, केवल फोटो खिंचाने के लिए पौधें का उपयोग जैसी घटनाएं सामने आर्इं। सरकार के हर साल लगाए करोडों पेडों का यदि सरवाइवल परसेंट सही हो जाए, तो राजस्थान में कई साल पहले घना जंगल बन गया होता, लेकिन कागजी सिर्फ फाइलों में ही नजर आती है।

नरेगा विभाग के माध्यम से प्रदेशभर में करीब एक करोड़ पौधे लगाए गए हैं। वृक्षारोपण के बाद उनका सरवाइल परसेंट हमने पिछले कुछ सालों में सुधारा है। नरेगा कर्मियों के माध्यम से हम पौधों की सुरक्षा करने में लगे हुए हैं,जल्दी ही धरातल पर परिणाम नजर आएंगे।
- अरविन्द सक्सेना, अधीक्षण अभियंता, राज्य नरेगा विभाग

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