FICCI Rajasthan: MSP बढ़ाने से किसानों की आय में हुआ सुधार: भागीरथ चौधरी
एनविजनिंग राजस्थान: भारत का मिलेट हब
राजस्थान मिलेट कॉन्क्लेव के दूसरे संस्करण का आयोजन हुआ।
जयपुर। फिक्की राजस्थान द्वारा आयोजित 'राजस्थान मिलेट कॉन्क्लेव' के दूसरे संस्करण में कृषि एवं किसान कल्याण, राज्य मंत्री, भागीरथ चौधरी ने किसानों की आय में मिलेट्स की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वृद्धि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 2014 में बाजरे की एमएसपी 1250 रुपए थी, जो 2024 में बढ़कर 2625 रुपए हो गई है। राजस्थान पूरे देश में मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, और मिलेट्स की खेती में तकनीकी सुधार के साथ इसे और भी बढ़ाया जा सकता है।
मिलेट्स: पोषण और सस्टेनेबिलिटी का स्रोत
राज्य मंत्री ने अपने संबोधन में मिलेट्स के पोषण मूल्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मिलेट्स न केवल पोषण सुरक्षा प्रदान करते हैं बल्कि इनमें किसी प्रकार के कीटनाशकों या खाद की आवश्यकता नहीं होती, जिससे यह प्राकृतिक खेती के लिए उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि मिलेट्स की फसल जलवायु परिवर्तन के प्रति भी अत्यधिक सहिष्णु होती है, जिससे यह कठोर परिस्थितियों में भी फल-फूल सकती है।
मिलेट्स पर विशेष जोर
फिक्की के सलाहकार और पूर्व सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, सिराज हुसैन ने मिलेट्स की विविधता और महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि बाजरा जैसे प्रमुख मिलेट्स के अलावा कुट्टू, सावां, कुटकी जैसे छोटे मिलेट्स भी अपने उच्च पोषण मूल्य के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने इन कम-ज्ञात मिलेट्स को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मिलेट्स से सस्टेनेबल भविष्य
फिक्की टास्क फोर्स ऑन मिलेट्स के चेयरमैन, जितेंद्र जोशी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के बाद से मिलेट्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। मिलेट्स जलवायु-स्मार्ट फसलों के रूप में जाने जाते हैं, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करते हैं और संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल्स में से छह में योगदान देते हैं।
फिक्की मिलेट स्टार्टअप अवार्ड्स
कॉन्क्लेव में फिक्की मिलेट स्टार्टअप अवार्ड्स के विजेताओं को सम्मानित किया गया, जिसमें खाद्यम स्पेशियलिटी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (प्रथम), एग्रोजी ऑर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (द्वितीय), और विजयंजलि न्यूट्री सी-रियल्स एलएलपी (तृतीय) शामिल थे।
प्लैनरी सेशंस में नवाचार और शोध पर चर्चा
कार्यक्रम के अंत में दो प्लैनरी सेशंस का आयोजन किया गया। पहला सेशन 'मिलेट फार्मिंग एंड बियॉन्ड' विषय पर हुआ, जिसमें कृषि में नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया गया। वहीं दूसरा सेशन 'एम्पावरिंग मिलेट फार्मर्स विथ रिसर्च-ड्रिवन सॉल्यूशंस' विषय पर आयोजित हुआ।
इस आयोजन से स्पष्ट है कि मिलेट्स न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक हैं, बल्कि यह पोषण और सस्टेनेबिलिटी के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं।
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