सर्वेक्षण टीम अगले महीने आएगी तो फिर खराब इम्प्रेशन लेकर जाएगी
जगह-जगह लगे हैं कचरे के ढेर
कचरा पॉइंट से समय पर नहीं उठ रहा कचरा
कोटा। शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के जिस मकसद से कोटा में दो नगर निगम किए थे। वह मकसद तो पूरा हुआ नहीं। शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार होने की जगह पर हालात बिगड़ते ही जा रहे है। कचरा पॉइंट से समय पर कचरा तक नहीं उठ पा रहा। ऐसे ही हालात रहे तो अगले महीने जनवरी में आने वाली केन्द्रीय सर्वेक्षण टीम एक बार फिर से बुरा इम्प्रेशन लेकर जाएगी। जिसका असर शहर की स्वच्छता रैकिंग पर पड़ेगा। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर साल देश के कई शहरों की नगर निगमों में स्वच्छता सर्वेक्षण कराया जाता है। सर्वेक्षण के लिए वैसे तो कई तरह के मापदंड तय किए हुए हैं। लेकिन उसमें सबसे बड़ा मापदंड है शहर की सफाई व्यवस्था। इधर शहर में दो नगर निगम कोटाउत्तर व दक्षिण होने और करीब 3 हजार स्थायी सफाई कर्मचारी होनेके बाद भी हालत यह है कि शहर साफ नजर नहीं आ रहा। घर-घर कचरा संग्रहण के टिपर कई जगह पर समय पर नहीं पहुंच पा रहे। जिससे लोगों को सड़क पर, घर के बाहर, कॉलोनी के मेन गेट पर और कचरा पाइंट पर कचरा डालना पड़ रहा है। उस कचरा पाइंट से दिन में समय पर कचरा नहीं उठ रहा। जिससे वह दिनभर पड़ा रहता है। वह कचरा हवा के कारण या मवेशियों के साथ सड़क पर फेल रहा है। जिससे सुबह-शाम मेन रोड की सफाई होने के बाद भी सफाई नजर नहीं आ रही।
शौचालय से लेकर मार्केट तक में ढेर
शहर में उत्तर व दक्षिण दोनों निगम क्षेत्रों में कई जगह ऐसीहैं जहां हमेशा ही कचरे के ढेर लगे रहतेहैं। जिनमें चाहे शौचालय के पास का क्षेत्र हो या मार्केट का। कोटड़ी गुमानपुरा रोड पर कांग्रेस कार्यालय के पास सार्वजनिक मूत्रालय के मुहाने पर ही दिनभर कचरे काढेर लगा रहता है। जिससे वहांजाने वालों को तो परेशानी होती ही है। उस रोड की दशा उस कचरे से बिगड़ रही है। नई धानमंडी में पोस्ट आॅफिस के मेन गेट के पास और उसी रोड पर आगे दिनभर कचरे का ढेर लगा रहता है। फर्नीचर मार्केट में शॉपिंग सेंटर डिस्पेंसरी के सामने, सब्जीमंडी न्यू क्लॉथ मार्केट के सामने, छावनी बंगाली कॉलोनी में।यहां तक कि नयापुरा से रियासत कालीन पुलिया की तरफ जाने वाले रास्ते पर भी कचरे के ढेर लगे हुए हैं।
शहर के मध्य बृज टॉकीज का कचरा पॉइंट परेशानी
शहर में वैसे तो हर जगह पर कचरा पॉइंट बने हुए हैं। लेकिन सबसे बड़ी मुसीबत है नयापुरा विवेकानंद चौराहा स्थित बृज टॉकीज का कचरा पॉइंट। तत्कालीन कांग्रेस सरकार में बृज टॉकीज का बाहर से तो सौन्दर्यीकरण कर दिया गया था लेकिन अंदर कचरा भरा होने से वह दुर्दशा बयांकर रहा है। हालत यह है कि इस कचरा पाइंट का कचरा मेन रोड तक आकर दुर्गंध का कारण बनता है।
इनका होता है भौतिक सत्यापन
टीम द्वारा हर साल सभी शहरों में मौके पर जाकर सफाई व्यवस्था का भौतिक सत्यापन किया जाता है। टीम के कई सदस्य शहर में अलग -अलग स्थानों पर जाकर वहां स्वयं सफाई को देखते हैं। जिनमें मार्केट, मेन रोड, गली मौहल्ला, सार्वजनिक शौचालय, सामुदायिक शौचालय, ओडीएफ, रात्रि कलीन सफाई, घर-घर कचरा संग्रहण, गीला -सूखा कचरा कचरा अलग-अलग करना, ट्रेचिंग ग्राउंड की व्यवस्था,सीएंडडी वेस्ट का निस्तारण समेत लोगों से शहर की सफाई व्यवस्था के बारे में उनकी राय जानी जाती है।
रैंकिंग में हमेशा फिसड्डी
स्वच्छता सर्वेक्षण की हर साल जारी होने वाली रैकिंग में कोटा हमेशा से फिसड्डी रहा है। वर्ष 2022 में कोटा दक्षिण निगम की रैकिंग 141 थी वह 2023 में 256 वीं हो गई थी। जबकि 2022 में कोटा उत्तर निगम की रैकिंग 364 थी वह 2023 में 244 हो गई थी। हालत यह है कि पिछले कई सालों से हो रहे सर्वेक्षण में हर साल देश में इंदौर ही सफाई में पहले नम्बर पर रहता है। जबकि कोटा पहले 100 में भी शामिल नहीं हुआ है। 2024 की रैकिंग का परिणाम अगले साल आएगा।
इनका कहना है
स्वच्छता रैकिंग में केवल सफाई ही नहीं है। उसके कई मापदंड हैं।उन सभीपर काम किया जा रहा है। सीएंडडी वेस्ट, लीगेसी वेस्ट, ट्रेचिंग ग्राउंड, आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन व कचरा पॉइंट को कम करने समेत सभी श्रेणियों में काम किया जा रहा है। उसके परिणाम क्या रहेंगे वह अलग बात है। बृज टॉकीज के कचरा पॉइंट को हमेशा के लिए बंद करने के लिए उस पर 11 फीट की दीवार बना दी गई है। उससे पहले अंदर की पूरी तरह से सफाई करवाई गई है। जिससे अब उसका स्थाई समाधान हो गया है।
- अशोक त्यागी, आयुक्त, नगर निगम कोटा उत्तर
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