नए उपखण्डों-तहसीलों और गांवों पर जनगणना की रोक हटी, जिलों की सीमाएं फ्रीज ही रहेंगी
जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने जिलों की सीमाओं का परिसीमन करने से किया इनकार
जनगणना रजिस्ट्रार से छूट नहीं मिलने की स्थिति में अब जिलों के रिव्यू को धरातल पर तब तक नहीं उतारा जा सकेगा जब तक जनगणना की रोक नहीं हटती है।
जयपुर। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने जिलों की सीमाओं का परिसीमन करने से इनकार कर दिया। यानी कि जिलों सीमाओं से छेड़छाड़ करने से इनकार कर दिया। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने स्पष्ट कहा है कि जिलों की सीमाएं फ्रीज ही रहेंगी। ऐसे हालात में राजस्थान में बने नए जिलों के रिव्यू करने पर ब्रेक लग सकता है। राजस्थान सरकार ने गत दिनों जनगणना रजिस्ट्रार जनरल को एक पत्र लिखकर जिलों की सीमाओं के परिवर्तन करने के लिए छूट मांगी थी।
हालांकि जनगणना रजिस्ट्रार ने राजस्थान में नई प्रशासनिक यूनिट बनाने पर लगी रोक में कुछ छूट दी है। राज्य सरकार को जुलाई में विधानसभा में पेश बजट और एप्रोप्रिएशन बिल के दौरान घोषित नए उपखण्ड, तहसील, उप-तहसील और नए राजस्व गांवों को नोटिफाई करने की मंजूरी दे दी है। बजट में घोषित इन प्रशासनिक यूनिटों के गठन पर जनगणना की रोक नहीं रहेगी। हालांकि जिलों की बाउंड्री पर जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने किसी तरह की छूट नहीं दी है।
राजस्व विभाग ने जनगणना रजिस्ट्रार जनरल को अगस्त में चिट्ठी लिखकर नए जिले, उपखंड, तहसील और राजस्व गांव बनाने और उनकी बाउंड्री बदलने पर लगी रोक से छूट देने की मांग की थी। इसके लिए 20 अगस्त को ही चिट्ठी लिखी थी। राजस्थान सरकार की इस चिट्ठी पर जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से जवाब आ गया है। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल के ऑफिस ने राजस्थान सरकार को जिलों पर मांगी गई छूट पर कोई राहत नहीं दी है और जिलों का जिक्र तक नहीं किया है।
जनगणना रजिस्ट्रार जनरल के दफ्तर ने लिखा है कि राज्य में जिन राजस्व गांवों को घोषित करने का की मंजूरी राजस्व मंत्री से मिली है और 2024-25 के बजट के दौरान दौरान जिन नए उपखण्ड, तहसील और उप-तहसील बनाने की घोषणा की जा चुकी है, उनकी अधिसूचनाएं जारी की जा सकती हैं।
इसलिए मांगी थी छूट
जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने एक जुलाई से सभी प्राासनिक सीमाओं को फ्रीज कर दिया है। एक जुलाई के बाद किसी तरह के नए जिले, उपखंड, तहसील और गांव बनाने और उनकी बाउंड्री में बदलाव पर रोक लगाई हुई है। बिना जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की मंजूरी के वार्ड की सीमा में भी बदलाव नहीं हो सकता। इस पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर नए जिलों के गठन और उनकी बाउंड्री में बदलाव करने पर लगी रोक हटाने की मांग की थी। अभी तक इस पत्र का कोई जवाब नहीं आया।
यह होगा असर
अगर राज्य सरकार को जिलों की सीमाओं में बदलाव की छूट नहीं मिली तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज में बने नए जिलों को मर्ज करने में वक्त लगेगा। जनगणना रजिस्ट्रार से छूट नहीं मिलने की स्थिति में अब जिलों के रिव्यू को धरातल पर तब तक नहीं उतारा जा सकेगा जब तक जनगणना की रोक नहीं हटती है। अगर जनगणना की घोषणा हो जाती है तो अगले दो साल तक जिलों में बदलाव नहीं हो सकेगा।
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