SI Papar Leak Case: एसआई भर्ती परीक्षा की जांच के लिए 6 मंत्रियों की समिति गठित
परीक्षा को रद्द करने या री-एग्जाम करने के परीक्षण के बाद देगी रिपोर्ट
एसआई भर्ती परीक्षा में एसओजी अभी तक 42 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि जबकि 34 अपराधी ऐसे हैं, जिन्होंने एसआई पेपर लीक करवाने, पेपर पढ़वाने में सहयोग किया था।
जयपुर। प्रदेश में वर्ष 2021 में एसआई भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने और डमी अभ्यर्थी बैठाने के बड़े खुलासे के बाद अब राज्य सरकार ने मामले के परीक्षण के लिए मंत्रिमण्डल के छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल के संयोजन में बनी कमेटी उपनिरीक्षक पुलिस/प्लाटून कमाण्डर भर्ती परीक्षा के संबंध में परीक्षण करने तथा संबंधित एजेंसियों व अधिकारियों के साथ चर्चा कर अपनी सिफारिश रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
इस समिति के संयोजक जोगाराम पटेल होंगे। वहीं चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा, जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म और पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार को सदस्य के तौर पर शामिल किया है। समिति का प्रशासनिक विभाग गृह विभाग होगा तथा इसके सदस्य सचिव एसीएस गृह विभाग होंगे।
अब तक 42 जने गिरफ्तार
एसआई भर्ती परीक्षा में एसओजी अभी तक 42 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि जबकि 34 अपराधी ऐसे हैं, जिन्होंने एसआई पेपर लीक करवाने, पेपर पढ़वाने में सहयोग किया था। इस तरह 76 जने गिरफ्तार हो चुके हैं। एसओजी की कार्रवाई के बाद आरपीए में ट्रेनिंग ले रहे छह एसआई अभी अनुपस्थित चल रहे हैं।
री-एग्जाम हो सकता है बेहतर ऑप्शन
एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को लीक होने के बाद इसमें एसओजी दो आरपीएससी सदस्यों बाबूलाल कटारा और रामूराम राईका को गिरफ्तार कर चुकी है। ऐसे में चर्चा जोरों पर है कि परीक्षा को तुरंत प्रभाव से रद्द कर देना चाहिए। एक्सपर्ट की मानें तो इस पेपर को पास कर कुछ अभ्यर्थी पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से पेपर देकर पास होकर एसआई बने हैं। ऐसे में उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए।
वहीं यदि इस परीक्षा में नकल करके या डमी अभ्यर्थी बैठाकर पास हो चुके अभ्यर्थी किसी तरीके से वापस आकर पुलिस बेडे़ में शामिल हो गए तो गम्भीर मुद्दा रहेगा। ऐसे में कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि वर्ष 2021 में आयोजित की गई परीक्षा को वापस री-एग्जाम करा दिया जाए। इस परीक्षा में उन्हीं अभ्यर्थियों को परीक्षा देने का मौका दिया जाए जो वर्ष 2021 में बैठे थे। ऐसे में पूरी तरह निष्पक्ष रूप से परीक्षा हो जाएगी और कोई सवालिया निशान नहीं लगेंगे।
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