देश में अगले साल शुरू होगी जनगणना, जातीय और संप्रदाय आधारित आंकड़ों को भी शामिल करने पर विचार
जनगणना 2026 तक चलेगी
2028 तक परिसीमन प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य है, जिससे लोकसभा सीटों का पुनर्विन्यास किया जाएगा।
नई दिल्ली। भारत में हर दस साल में होने वाली जनगणना को लेकर मोदी सरकार पहल करने वाली है। सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार 2025 में जातिगत जनगणना की शुरुआत कर सकती है, यह जनगणना 2026 तक चलेगी। सूत्रों के अनुसार, इस बार जनगणना डिजिटल माध्यम से होगी, जिसमें आंकड़े एक विशेष पोर्टल के जरिए संकलित किए जाएंगे, यह पहली बार है जब जनगणना में डिजिटल प्रक्रिया अपनाई जा रही है। सरकार ने इस पोर्टल में जातिवार आंकड़े एकत्रित करने का भी प्रावधान रखा है।
2028 तक परिसीमन प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य
2028 तक परिसीमन प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य है, जिससे लोकसभा सीटों का पुनर्विन्यास किया जाएगा। यह जनगणना न केवल देश की जनसंख्या और विविधताओं का अद्यतन चित्र प्रस्तुत करेगी, बल्कि विभिन्न समुदायों की जरुरतों को समझने में भी मदद करेगी।
...ताकि नहीं हो कोई मतभेद
केंद्र सरकार ने फिलहाल जनगणना के साथ जातिवार जनगणना कराने को लेकर औपचारिक फैसला नहीं किया है, लेकिन विपक्ष की ओर से जातिवार जनगणना को राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश को देखते हुए मोदी सरकार जातिवार जनगणना कराने का फैसला ले सकती है क्योंकि सरकार भी चाहती है कि एक तो इस मुद्दे पर एनडीए में कोई मतभेद न हो साथ ही सभी धर्मों की आबादी में मौजूद जाति व्यवस्था की जड़ों का भी पता चल सके, फिर अगर आरक्षण सहित किसी भी सुविधा के लिए कोई विशेष योजना चलानी हो तो ट्रिपल टेस्ट का पहला और अहम टेस्ट इसी मुहिम के साथ पूरा हो जाएगा।
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