पाकिस्तान की जिगाना-माउजर, बिहार की मुंगेरी पिस्टल से दहशत फैला रहे हैं गैंगस्टर
राजस्थान के कुछ जिलों से लेकर आते हैं
तस्करी में कमी आई है सिर्फ जयपुर कमिश्नरेट में ही हथियार तस्करी के मामले बढ़े हैं हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि कुछ रेंज में पुलिस ने हथियार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कम की है।
जयपुर। हत्या, लूट, डकैती, अपहरण और बड़ी नकबजनी या चोरी की वारदात करने वाले बदमाश हथियारों का उपयोग करते हैं। बदमाश वारदात करने के लिए छोटी कीमत के हथियार एमपी, यूपी और राजस्थान के कुछ जिलों से लेकर आते हैं, जबकि गैंगस्टर पाकिस्तान और बिहार के हथियारों का उपयोग करते हैं। इन हथियारों की तस्करी के लिए हथियारों को कोडवर्ड के जरिए खरीद और बेचान किया जाता है। पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में हथियार तस्करी की बात करें तो तस्करी में कमी आई है सिर्फ जयपुर कमिश्नरेट में ही हथियार तस्करी के मामले बढ़े हैं हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि कुछ रेंज में पुलिस ने हथियार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कम की है।
ऐसे होती है तस्करी
जानकारी के अनुसार हथियार तस्कर ज्यादातार हथियार वहीं से लेकर आते हैं जहां बनाए जाते हैं। इसके अलावा बदमाश हथियार बेचने के लिए ट्रेन का उपयोग करते हैं। वे छोटे स्टेशनों से चढ़ते हैं और मौका देखकर ही ट्रेन से सूनी जगह पर उतर जाते हैं।
तस्करी के इलाके
मध्यप्रदेश के चम्बलों से सटे कुछ इलाकों जैसे बीहड़ के पास खरगोन के रहने वाले सिकलीगर में पिस्टल बनाई जाती हैं। पिस्टल पर स्टार बना होता है। एमपी के अम्बा, पोरसा की पिस्टल भी ज्यादा बेची जाती है। यहां से तस्कर 10 से 15 हजार रुपए में पिस्टल लेकर आते हैं और प्रदेश में 25 से 30 हजार रुपए में बेचते हैं। यहां कारतूस भी बनाए जाते हैं। यहां की पिस्टल अम्बा के नाम से बेची जाती है।
- उत्तरप्रदेश के आगरा, मथुरा, हाथरस, फिरोजाबाद और शमशाबाद के कुछ हिस्सों से भी हथियार तस्करी होती है। यहां से पिस्टल और देसी कट्टे आते हैं। 1500 से दो हजार रुपए में देसी कट्टे लाकर 4-5 हजार रुपए में बेचे जाते हैं।
- तस्कर पाकिस्तान से ड्रोन के मार्फत जिगाना और माउजर मंगाते हैं। जिगाना की कीमत छह लाख रुपए तक होती है और इसकी बर्स्ट क्वालिटी में 38 कारतूस रखने तक की मैग्जीन होती है। बताया जाता है कि वारदात करते समय यह अटकती नहीं है।
- इसके अलावा गैंगस्टर जर्मनी और इटली के विदेशी हथियारों से भी वारदात की जाती है। बदमाश रशियन पिस्टल की कॉपी यहां बनाकर भी बेच देते हैं।
- बिहार से बदमाश पिस्टल लेकर आते हैं, उसे मुंगेरी कहते हैं। इसकी कीमत 20 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक होती है।
राजधानी में बढ़ी हथियार तस्करी
पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट की बात करें तो जयपुर राजधानी हथियारों की तस्करी का गढ़ बनी हुई है। यहां पिछले साल के मुकाबले दो मुकदमे हथियार तस्करी के ज्यादा दर्ज हुए हैं। जयपुर कमिश्नरेट के अलावा हर रेंज में हथियार तस्करी कम हुई है।
कार्रवाई की जरूरत
प्रदेश के पड़ौसी राज्यों की सटी सीमा के जिलों से हथियार तस्करी होती है। वैसे तो पुलिस लगातार हथियार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही लेकिन सख्ती से और कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
- यू आर साहू, डीजीपी राजस्थान
Comment List