क्रैश विमान का ब्लैक बॉक्स भेजा जाएगा अमेरिका : रिकॉर्डर को गंभीर बाहरी नुकसान पहुंचा, भारत में डेटा निकाल पाना नामुमकिन
ब्रिटेन के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे
अहमदाबाद में 12 जून को क्रैश हुए एयर इंडिया के विमान का ब्लैक बॉक्स अब अमेरिका भेजा जाएगा
नई दिल्ली। अहमदाबाद में 12 जून को क्रैश हुए एयर इंडिया के विमान का ब्लैक बॉक्स अब अमेरिका भेजा जाएगा। ब्लैक बॉक्स में मौजूद डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर को वाशिंगटन स्थित नेशनल सेफ्टी ट्रांसपोर्ट बोर्ड की लैब में विश्लेषण के लिए खोला जाएगा। उसकी रिकवरी भारत में संभव नहीं है। बताया गया है कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि रिकॉर्डर को गंभीर बाहरी नुकसान पहुंचा है, जिससे भारत में उसका डेटा निकालना असंभव हो गया है। भले ही भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने दिल्ली मुख्यालय में एक विशेष प्रयोगशाला की स्थापना की है, लेकिन इतनी अधिक क्षति वाले ब्लैक बॉक्स से डेटा रीकवर करने की तकनीक फिलहाल भारत के पास नहीं है। दरअसल, जांचकर्ता कई तकनीकी बिंदुओं पर गहराई से जांच कर रहे हैं, जैसे कि क्या दुर्घटना के समय विमान के पंखों के फ्लैप पूरी तरह और सही समय पर फैले थे? क्या लैंडिंग गियर समय से पहले खुल गया था? क्या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में कोई खराबी आई थी? क्या इंजन बंद होने के पीछे ईंधन में मिलावट की आशंका है? इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच आगे बढ़ रही है।
गौरतलब है कि बोइंग 787 विमान को कई रिडंडेंसी सिस्टम्स (दोहरे सुरक्षा सिस्टम) से लैस किया गया है ताकि किसी एक सिस्टम के फेल होने पर दूसरा काम करता रहे। इस विमान को एक इंजन के सहारे भी 345 मिनट तक उड़ान भरने की क्षमता होती है।
ब्रिटेन के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे
ब्लैक बॉक्स को अब अमेरिका एनटीएसबी की प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए ले जाया जाएगा। भारतीय अधिकारियों की देखरेख में पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी ताकि जांच में पारदर्शिता बनी रहे और सभी अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन हो। इस जांच प्रक्रिया में ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे, क्योंकि हादसे में 53 ब्रिटिश नागरिकों की जान गई है। जानकारी के मुताबिक ब्लैक बॉक्स को हुए नुकसान के कारण अब चिप को सावधानीपूर्वक मेमोरी बोर्ड से अलग किया जाएगा, ताकि डेटा को और अधिक क्षति न पहुंचे। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सर्किट की स्थिति की भी जांच की जाएगी कि कहीं वह भी क्षतिग्रस्त तो नहीं हुआ।

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