इंटरनेट की बढ़ती स्पीड से कम होता प्रजनन दर
भारत को भूजनसांख्यिकी फायदे हो रहे हैं
सीआईईडी के संस्थापक कुणाल ने एक परिकल्पना पेश की कि एक विकसित होता परिदृश्य जन्म दर में कमी का कारण है।
नई दिल्ली। भारत में प्रति महिला प्रजनन दर 2.01 है। प्रजनन दर का अर्थ है-महिला द्वारा जन्म दिए गए बच्चों की औसत संख्या। जबकि इस सम्बंध में आदर्श औसत दर 2.1 होता है। इस तरह यह इस आदर्श आंकड़े से कम है। यद्यपि वर्ष 2024 में भारत दुनिया में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। इसकी कुल जनसंख्या 1.45 अरब है। फिर भी इसकी प्रजनन दर और बच्चों के जन्म लेने की दर में लगातार कमी आ रही है। इंटरनेट की बढ़ती तेजी से जन्म दर में कमी आने की बात कही जा रही है। कुछ लोगों को लगता है कि जन्म दर में कमी के कारण भारत को भूजनसांख्यिकी फायदे हो रहे हैं।
सीआईईडी के संस्थापक कुणाल ने एक परिकल्पना पेश की कि एक विकसित होता परिदृश्य जन्म दर में कमी का कारण है। कुणाल ने एक पोस्ट में कहा है कि देश का इंटरनेट स्पीड बढ़ रहा है और यही जन्म दर में कमी का कारण है। यही कारण है कि भारत की जनसंख्या वृद्धि की दर में कमी का कारण इंटरनेट की स्पीड बढ़ना है। जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है भारत जनसंख्या के मामले में विश्व का सबसे बड़ा देश है। वर्ल्ड ओ मीटर के अनुसार भारत की जनसंख्या 1,456,100,990 है। यह दुनिया की कुल जनसंख्या का 17.78 प्रतिशत है।
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