IAF चीफ आरकेएस भदौरिया बोले- बदलाव के दौर से गुजर रही वायसेना, देश में ही बनेगा 5वीं पीढ़ी का एयरक्राफ्ट
भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि तेजी से बदल रही सुरक्षा चुनौतियों और पड़ोस एवं अन्य क्षेत्रों में बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के मद्देनजर भारतीय वायुसेना प्रौद्योगिकियों को तेजी से शामिल करके परिवर्तन के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है। हमारे अभियानों के हर पहलू में प्रौद्योगिकियों और लड़ाकू शक्ति का जितनी तेजी से समावेश अब हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ।
हैदराबाद। तेलंगाना में शनिवार को डुंडीगल वायु सेना अकादमी में आयोजित कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड (सीजीपी) में भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के 161 फ्लाइट कैडेट कमीशन अधिकारी बने। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने उड़ान और दिशासूचक (नेविगेशन) प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने वाले कैडेटों को विंग और ब्रेवेट भी भेंट किए। उन्होंने भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों को विंग भी भेंट किए।
भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने संयुक्त स्नातक परेड को संबोधित करते हुए कहा कि तेजी से बदल रही सुरक्षा चुनौतियों और पड़ोस एवं अन्य क्षेत्रों में बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के मद्देनजर भारतीय वायुसेना प्रौद्योगिकियों को तेजी से शामिल करके परिवर्तन के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है। हमारे अभियानों के हर पहलू में प्रौद्योगिकियों और लड़ाकू शक्ति का जितनी तेजी से समावेश अब हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि आप जिस पीढ़ी से हैं, वह तकनीकी रूप से अनुकूल है और डिजिटल स्पेस का उपयोग करने में अच्छी तरह से वाकिफ है। अब आपके लिए इसे साबित करने का समय है। आप जिस माहौल में कदम रखेंगे, वह न केवल चुनौती देगा बल्कि आपकी क्षमताओं को भी बढ़ाएगा।
उन्होंने भारत-चीन सीमा पर तनाव के मुद्दे पर कहा कि एक साल पहले जब ये हुआ था हमने तैनाती की थी। उसके बाद एक साल में हमारी ताकत को कम करने का तो सवाल ही पैदा नहीं है। इस एक साल में हमने भी कदम उठाए हैं और काम किया है। हमारी क्षमता जो एक साल पहले थी आज उससे कहीं ज्यादा है। उन्होंने आगे कहा कि इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड पर चर्चा चल रही है। क्षमता बढ़ाने के लिहाज से राफेल और एलसीए के बाद हमने दो-तीन बड़े कदम उठाए हैं, उसमें एएमसीए का सबसे बड़ा है। पांचवीं पीढ़ी का एयरक्राफ्ट जो देश में बनेगा उसका निर्णय ले लिया गया है। इसे डीआरडीओ तैयार करेगा। हॉक, किरण, पिलाटस विमान और चेतक हेलीकॉप्टरों द्वारा रोमांचक फ्लाई पास्ट परेड का मुख्य आकर्षण केन्द्र थे। पासिंग आउट परेड देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे, जिनमें स्नातक कैडेटों के माता-पिता एवं अभिभावक और रिश्तेदार शामिल थे।
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