दिल्ली मेयर चुनाव में आप ने बीजेपी को दिया वॉकओवर : मैदान से पीछे हटने का कारण, 15 से 20 पार्षद चुनाव होने की स्थिति में बदल सकते थे पाला
समय रहते अपने कदम पीछे खींच लेने में ही भलाई समझी है
असल मामला पूरी तरह से अलग है, जिसके चलते अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने लड़ने की जगह समय रहते अपने कदम पीछे खींच लेने में ही भलाई समझी है।
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के लिए 25 अप्रैल को मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए सोमवार को नामांकन भरने का आखिरी दिन था। आम आदमी पार्टी ने उसी दिन घोषणा कर दी कि वह इन पदों के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। आप नेताओं का कहना है कि यह फैसला उन्होंने सोच-समझकर लिया है। वे किसी ऐसी लड़ाई में नहीं पड़ना चाहते थे जो बहुत मुश्किल हो और जिसमें हार-जीत का फैसला आखिरी समय तक न हो पाए। पार्टी नेताओं का दावा है कि वे लंबी रेस का घोड़ा बनना चाहते हैं। सूत्रों ने बताया है कि असल मामला पूरी तरह से अलग है, जिसके चलते अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने लड़ने की जगह समय रहते अपने कदम पीछे खींच लेने में ही भलाई समझी है।
चुनाव पूर्व आंकड़ों में भाजपा भारी
सूत्रों ने जानकारी दी है कि आम आदमी पार्टी ने इसलिए मेयर चुनाव से कदम पीछे खींच लिए हैं, क्योंकि उसके 15 से 20 पार्षद चुनाव होने की स्थिति पाला बदल (भाजपा में जाने का संकेत) सकते थे। यही वजह है कि पार्टी ऐसी स्थिति आने ही नहीं देना चाहती थी कि उसे लेने के देने पड़ जाएं। वैसे भी आंकड़ों में बीजेपी भारी है और इसी वजह से आप ने चुनाव मैदान से भागे रहने में ही भलाई समझी है।
पूरी तरह से बदल चुका है एमसीडी का गणित
आम आदमी पार्टी को मालूम है कि एमसीडी में दल-बदल कानून लागू नहीं होता। यही वजह है कि अलग-अलग पार्टियों के पार्षदों के दल बदलने से सदन की स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है। इस समय आप के पास 113 पार्षद हैं, तो बीजेपी के पास 117 हैं। वहीं कांग्रेस के पास 8 पार्षद हैं। एमसीडी के चुनाव दिसंबर 2022 में हुए थे। तब आप को 250 में से 134 सीटें मिली थीं। बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं। बाकी सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती थीं। मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल एक-एक साल का होता है। इनके लिए चुनाव 25 अप्रैल को होंगे।

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