देशभर के एयरपोर्ट्स पर चेक-इन सिस्टम फेल, उड़ान सेवाएं प्रभावित, कई फ्लाइट्स रद्द
एयरपोर्ट्स पर टेक्निकल दिक्कतें बढ़ीं
देशभर के कई एयरपोर्ट्स पर बुधवार को चेक-इन सिस्टम फेल होने से यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। कई जगह मैनुअल चेक-इन शुरू करना पड़ा, जिससे उड़ानों में देरी और रद्दीकरण बढ़ा। बेंगलुरु में 42 फ्लाइट्स रद्द हुईं, जबकि हैदराबाद और दिल्ली में भारी भीड़ रही।
नई दिल्ली। देश के कई एयरपोर्ट्स पर बुधवार सुबह से चेक-इन सिस्टम में आई गड़बड़ी ने हवाई यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी। तकनीकी दिक्कतों के चलते कई एयरपोर्ट्स पर मैनुअल चेक-इन की व्यवस्था लागू करनी पड़ी, जिससे कतारें लंबी हो गईं और उड़ान संचालन पर गंभीर असर पड़ा। बेंगलुरु एयरपोर्ट को 42 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं, जबकि हैदराबाद में भारी भीड़ देखी गई। दिल्ली एयरपोर्ट पर भी सिस्टम डाउन होने के बाद मैनुअल प्रक्रिया शुरू की गई।
माइक्रोसॉफ्ट आउटेज का दावा, कंपनी ने बताया झूठ
वाराणसी एयरपोर्ट पर यात्रियों को जानकारी दी गई कि माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के कारण वैश्विक स्तर पर आउटेज आया है, जिससे IT सेवाएं प्रभावित हुई हैं। हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने स्पष्ट किया कि विंडोज में कोई तकनीकी समस्या नहीं है और सिस्टम सामान्य रूप से काम कर रहा है। एयरपोर्ट्स में इस्तेमाल होने वाले कई इन-फ्लाइट और IT सिस्टम विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित होते हैं।
इंडिगो ने 70 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द कीं
इंडिगो एयरलाइंस ने बुधवार को 70 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं। इसमें मुंबई और बेंगलुरु एयरपोर्ट्स से आने-जाने वाली फ्लाइट्स भी शामिल थीं। एयरलाइन सूत्रों ने इसका मुख्य कारण क्रू की कमी बताया, हालांकि एयरपोर्ट्स पर IT सिस्टम डाउन होने ने भी उड़ान संचालन को प्रभावित किया।
GPS स्पूफिंग की घटनाएं और बढ़ता साइबर खतरा
दिल्ली के आसपास पिछले महीने विमानों को गलत GPS अलर्ट मिलने की घटनाएं सामने आई थीं। लगभग 100 किलोमीटर के दायरे में कई बार पायलटों को गलत लोकेशन और नेविगेशन डेटा की चेतावनियां मिलीं। इसे GPS स्पूफिंग कहा जाता है—एक साइबर अटैक जिसमें फर्जी GPS सिग्नल भेजकर विमान को गलत दिशा में मोड़ने की कोशिश की जाती है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल युद्ध क्षेत्रों में किया जाता है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंगरापु राममोहन नायडू ने संसद में स्वीकार किया कि GPS स्पूफिंग के कारण 800 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें देरी से चलीं और 20 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। उन्होंने यह भी बताया कि वैश्विक स्तर पर रैनसमवेयर और मैलवेयर हमलों का खतरा बढ़ रहा है। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) अपने IT सिस्टम और क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित रखने के लिए उन्नत साइबर सुरक्षा तकनीकों का उपयोग कर रहा है। सांसद एस. निरंजन रेड्डी के सवाल पर सरकार ने साफ किया कि DGCA और AAI ऐसे साइबर हमलों से बचाव के उपायों को मजबूत कर रहे हैं। देशभर में IT सिस्टम गड़बड़ी और साइबर खतरों की घटनाओं से साफ है कि एयर ट्रैवल के बढ़ते डिजिटलीकरण के साथ सुरक्षा और तकनीकी मजबूती की जरूरत और बढ़ गई है।

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