इस्कॉन के पुजारी चिन्मय दास को मिली जमानत, बांग्लादेश में 6 महीने से जेल में थे बंद
अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई
चिन्मय दास को पिछले साल नवंबर में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था
नई दिल्ली। इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को 6 महीने बाद जमानत मिल गई है। वे बांग्लादेश की जेल में बंद थे। चिन्मय दास को पिछले साल नवंबर में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। चटगांव न्यायालय में जमानत पाने के कई असफल कोशिशों के बाद, चिन्मय दास के वकील ने आखिरकार ढाका में बांग्लादेश हाई कोर्ट में आज की सुनवाई में उन्हें जमानत दिलवाई है। बता दें कि शेख हसीना के शासन के खात्मे के बाद चिन्मय दास बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं के लिए एक प्रमुख आवाज के रूप में उभरे थे। इसके बाद उन्हें 25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में ढाका पुलिस की जासूसी ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया था। अपनी गिरफ्तारी के बाद उन्होंने 26 नवंबर को चटगांव के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। तब से वह जेल में थे। चिन्मय दास के वकील ने कोर्ट में उनकी जमानत के लिए कई बार याचिकाएं दायर की थी, लेकिन खारिज कर दिया जा रहा था। 2 जनवरी को उनकी एक जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जाने के बाद यहां हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसक घटनाएं शुरू हो गई थी। इस दौरान उन्होंने समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई थी और हिंसक घटनाओं की आलोचना की थी। उनपर बांग्लादेश के झंडे का अपमान करने का आरोप लगा था। उनके किलाफ देशद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। चटगांव की एक अदालत ने पिछले साल चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद हुई झड़पों के दौरान अदालत परिसर में एक मुस्लिम वकील की मौत से संबंधित मामले में 63 हिंदू वकीलों को अंतरिम जमानत दी थी। उनके खिलाफ इस अपराध के संबंध में मामले दर्ज किए गए थे।

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