नीति आयोग बनाएगा फ्रंटियर टेक हब युवा हो सकेंगे थिंक टैंक में शामिल, युवाओं को मिलेगी बदलाव लाने में भागीदारी
प्रौद्योगिकी के जरिए हम देश की जीडीपी बढ़ा सकते हैं
सुब्रमण्यम ने कहा कि इसके लिए हमें जमीन, श्रम और निवेश को ध्यान में रखते हुए कृषि, सेवा एवं मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का बेहतर उपयोग करना होगा।
नई दिल्ली। नेशनल इंस्टीट्युट फॉर ट्रांसफार्मिंग इंडिया (नीति) आयोग फ्रंटियर टेक हब बनाएगा। इसके जरिए केन्द्र सरकार युवाओं को थिंक टैंक में शामिल होने का अवसर देगी। ताकि 2047 तक विकसित भारत बनाया जा सके। असल में, नीति आयोग फ्रंटियर टेक्नोलॉजिज में कंसल्टेंट और युवा पेशेवरों के रूप में भूमिका निभाने के लिए उन्हें आमंत्रित किया है। ताकि देश के कुछ बेहतरीन दिमागों के साथ एक जीवंत, सहयोगी माहौल में काम करें और बदलाव लाने के लिए नवीन नीतियों को आकार दें। इसके लिए लिए नीति आयोग ने युवाओं को पंजीकरण के लिए अपने रिसोर्स फुल पोर्टल पर आमंत्रित किया है।
प्रौद्योगिकी के जरिए हम देश की जीडीपी बढ़ा सकते हैं: सुब्रमण्यम
देश निर्माण एवं नीतियों में बदलाव में युवाओं को आमंत्रित करते हुए नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रौद्योगिकी के जरिए हम देश की जीडीपी में दो से चार फीसदी तक बढ़ोतरी कर सकते हैं। प्रौद्योगिकी का हम पूरा उपयोग भी करें। लेकिन हम लोग इसके गुलाम भी नहीं बने।
दो साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा
उन्होंने दावा किया कि अगले दो साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। आज एआई, क्वांटम कम्प्यूटिंग और बॉयो टेक्नोलॉजी में खूब अवसर हैं। सुब्रमण्यम ने कहा कि इसके लिए हमें जमीन, श्रम और निवेश को ध्यान में रखते हुए कृषि, सेवा एवं मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का बेहतर उपयोग करना होगा।
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