कांग्रेस के ‘एक परिवार’ ने सत्ता सुख और सत्ता की भूख के लिए संविधान को बार-बार किया लहूलुहान : मोदी
कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है
आजादी के बाद विकृत मानसिकता या स्वार्थ के कारण एकता के मूल पर प्रहार हुआ है। कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की। कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान को ‘भारत के लोगों’ की गरिमा एवं कल्याण को समर्पित दस्तावेज बताया और कहा कि कांग्रेस के ‘एक परिवार’ ने अपने सत्ता के सुख और सत्ता की भूख मिटाने के लिए संविधान को बार-बार लहूलुहान किया है और इसमें स्वार्थ के लिए चोट पर चोट पहुंचाई जाती रही। मोदी ने लोकसभा में ‘संविधान अंगीकार करने के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर दो दिन तक चली चर्चा का विस्तृत जवाब में कांंग्रेस को जमकर घेरा। करीब एक घंटे 48 मिनट के भाषण में मोदी ने कहा कि आजादी के बाद विकृत मानसिकता या स्वार्थ के कारण एकता के मूल पर प्रहार हुआ है। कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की। कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है।
हमारे लिए संविधान की शुचिता, पवित्रता सर्वाेपरि
उन्होंने कहा कि हमारे लिए संविधान की शुचिता, पवित्रता सर्वाेपरि है। हमने भी संविधान संशोधन किए हैं लेकिन देश की एकता के लिए, देश की अखंडता के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए और संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं।
हम कर रहे हैं ‘सेकुलर सिविल कोड’ लाने के प्रयास
मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए धर्म के आधार पर आरक्षण का नया खेल खेला है, जो संविधान की भावना के खिलाफ है। डॉ. आंबेडकर ने धार्मिक आधार पर बने पर्सनल लॉ को खत्म करने की सिफारिश की थी। इसीलिए हम संविधान की भावना के अनुसार ‘सेकुलर सिविल कोड’ लाने के लिए लगे हुए हैं।
गरीबी हटाओ सबसे बड़ा जुमला
मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि एक शब्द है- जुमला, जिसके बिना वो (कांग्रेस) जी नहीं सकते। लेकिन इस देश को पता है हिंदुस्तान में अगर सबसे बड़ा जुमला कोई था और वो 4-4 पीढ़ी ने चलाया। वह जुमला था -‘गरीबी हटाओ’। यह ऐसा जुमला था जिससे उनकी राजनीति की रोटी तो सेकी जाती थी, लेकिन गरीब का हाल ठीक नहीं होता था।
11 संकल्प रखे
1. चाहे नागरिक हो या सरकार हो, सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें।
2. हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ-सबका विकास हो।
3. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो।
4. देश के कानून, देश के नियम, देश की परंपराओं के पालन में देश के नागरिकों को गर्व होना चाहिए, गर्व का भाव हो।
5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो।
6. देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले।
7. संविधान का सम्मान हो, राजनीति स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए।
8. संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा है उसको न छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे।
9. महिला नीत विकास में भारत दुनिया के लिए मिसाल बने।
10. राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास, ये हमारा विकास का मंत्र हो।
11. एक भारत, श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो।
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