रिहा हुए बीएसएफ जवान की पत्नी का छलका दर्द : मोदी की उनका सिंदूर लौटाने पर की प्रशंसा, कहा- मेरे पति जरूरत पड़ने पर देश के लिए सीमा पर वापस जाएंगे

मेरे पति पिछले 15 सालों से देश की सेवा में 

रिहा हुए बीएसएफ जवान की पत्नी का छलका दर्द : मोदी की उनका सिंदूर लौटाने पर की प्रशंसा, कहा- मेरे पति जरूरत पड़ने पर देश के लिए सीमा पर वापस जाएंगे

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुबह सीमा सुरक्षा बल जवान पूर्णम कुमार शॉ की पत्नी रजनी शॉ से फोन पर बात की और उनके पति की सुरक्षित रिहाई के लिए उन्हें बधाई दी।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुबह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जवान पूर्णम कुमार शॉ की पत्नी रजनी शॉ से फोन पर बात की और उनके पति की सुरक्षित रिहाई के लिए उन्हें बधाई दी। जानकारी के अनुसार 182वीं बटालियन का जवान अटारी पोस्ट से करीब साढ़े दस बजे भारतीय सीमा पर पहुंचा है। रजनी शॉ ने मीडिया को बताया कि उनके पति ने करीब साढ़े बारह बजे उन्हें फोन किया और कहा कि वह उनकी मेडिकल जांच कराने के बाद हुगली जिले के रिशरा स्थित अपने घर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनके पति फिर से उन्हें फोन करेंगे। 

रजनी ने कहा कि मेरे पति पिछले 15 सालों से देश की सेवा में हैं। जरूरत पड़ने पर वह देश की रक्षा के लिए सीमा पर वापस जाएंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनका सिंदूर लौटाने - उनके पति को सही सलामत वापस लाने के लिए किये प्रयासों की प्रशंसा की। रजनी ने खुशी के आंसू छलक हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री से आतंकवादियों के साथ सख्ती बरतने और देश की महिलाओं के सिंदूर की रक्षा करने का अनुरोध करूंगी। पूर्णम कुमार शॉ 22 दिनों के बाद स्वदेश लौटे। पूर्णम 23 अप्रैल को लगभग 11.50 बजे फिरोजपुर सेक्टर में ऑपरेशनल ड्यूटी पर रहते हुए अनजाने में पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे और उन्हें पाक रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था।

बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें बीएसएफ जवान की वापसी की खबर सुनकर खुशी हुई। बनर्जी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि वह हमेशा से उनके (पूर्णम के) परिवार के संपर्क में थी और यहां हुगली के रिशरा में उनकी पत्नी से तीन बार बात की। आज भी मैंने उन्हें फोन किया। मेरे भाई जैसे जवान, उनकी पत्नी रजनी शॉ सहित उनके पूरे परिवार के लिए शुभकामनाएं। जवान के पिता ने मीडिया को बताया कि उन्हें नई दिल्ली स्थित बीएसएफ मुख्यालय से सुबह करीब साढ़े आठ बजे फोन आया कि उनके बेटे को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। 

बीएसएफ जवान के 70 वर्षीय पिता ने कहा कि मेरा बेटा फिर से सीमा पर जाएगा और देश की सेवा करेगा। हम बिल्कुल भी डरे हुए नहीं हैं। पिछले 22 दिनों में हम चिंता में रहे, लेकिन मुझे विश्वास था कि सरकार और स्थानीय प्रशासन मेरे बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करेगा।

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