सड़क हादसे के पीड़ितों को तुरंत मिले सहायता, छह महीने में प्रभावी त्वरित प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल तैयार करें राज्य सरकारें : सुप्रीम कोर्ट
ड्राइवरों के कार्य घंटों की समीक्षा की जाए :
सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे सड़क हादसे के पीड़ितों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी त्वरित प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल तैयार कर उन्हें लागू करें। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि देश में सड़क दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और हादसे के पीड़ितों को समय पर मदद नहीं मिल पाने के कारण स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। कई बार पीड़ित गंभीर रूप से घायल नहीं होते, लेकिन वाहन में फंसे रह जाते हैं जिससे उनकी स्थिति बिगड़ जाती है। कोर्ट ने साफ कहा कि दुर्घटनाओं के कारण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हर मामले में तुरंत प्रतिक्रिया देना जरुरी है।
ड्राइवरों के कार्य घंटों की समीक्षा की जाए :
सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि ड्राइवरों के कार्य घंटों से संबंधित नियमों की समीक्षा की जाए और उन पर सख्ती से अनुपालन हो। कोर्ट ने राज्य सरकारों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों को इन प्रोटोकॉल को तैयार करने और लागू करने के लिए छह महीने का समय दिया है।

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