पहाड़ो की सैर में चार चांद लगा रहे हैं ट्री हाउस
4,500 से 8,000 रुपए तक किराया
बर्फ से अठखेलियां करने के बाद कुल्लू जिले की तीर्थन घाटी में बने ट्री हाउस (पेड़ों पर बने घर) में ठहरने और हिमाचल के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने का अवसर पर्यटन के इस अनुभव को यादगार बनाने के लिए काफी है।
कुल्लू। मैदानी क्षेत्रों में चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए सैलानी बारालाचा व रोहतांग दर्रे का रुख कर रहे हैं। बर्फ से अठखेलियां करने के बाद कुल्लू जिले की तीर्थन घाटी में बने ट्री हाउस (पेड़ों पर बने घर) में ठहरने और हिमाचल के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने का अवसर पर्यटन के इस अनुभव को यादगार बनाने के लिए काफी है। साथ में मिलने वाले स्थानीय कुल्लवी व्यंजनों का भी लुत्फ उठाकर इस यात्रा को एक नया आयाम दिया जा सकता है। कुल्लू जिले की तीर्थन घाटी के तांदी, घियागी, सोझा व जिभी गांवों में 20 ट्री हाउस बनाए गए हैं। अधिकांश पर्यटकों के लिए ये आकर्षण का केंद्र बन गए हैैं। अधिकांश में जून-जुलाई के लिए एडवांस बुकिंग भी है। ये ट्री हाउस सैलानियों को प्रकृति से जोड़कर पहाड़ी क्षेत्र के पर्यटन को और रुचिकर बना रहे हैैं। शहरों की चकाचौंध से दूर देवदार, कायल, चीड़, बान व अखरोट के पेड़ों पर बनाए घरों से सैलानी घाटी की सुंदरता को निहार रहे हैं। ट्री हाउस में सैलानियों को घर जैसी सुविधाएं मिलें। पर्यटकों को यह ट्री हाउस काफी पसंद आ रहे हैं।
कुल्लवी व्यंजनों का भी उठा रहे लुत्फ
ट्री हाउस में बालकनी के साथ एक या दो अलग-अलग कमरे बनाए गए हैं। इनमें सैलानियों को कई प्रकार की सुविधाएं दी जा रही हैं। सैलानियों को उनकी पसंद का खाना परोसा जाता है। साथ में कुल्लू के स्थानीय व्यंजनों यानी कुल्लवी व्यंजनों का भी स्वाद लिया जा सकता है। इनमें सिड्डू (आटे से बना व्यंजन) के अलावा ट्राउट फिश भी ट्री हाउस संचालकों द्वारा पर्यटकों को उपलब्ध करवाई जा रही है।
4,500 से 8,000 रुपए तक किराया
ट्री हाउस में सुविधाओं के हिसाब से किराया लिया जाता है। इनमें एक दिन व रात का किराया 4,500 से लेकर 8,000 रुपये तक रखा गया है। इसमें एक परिवार के तीन या चार सदस्यों के लिए ब्रेकफास्ट, लंच व डिनर की सुविधा भी दी जा रही है। कुछ ट्री हाउस मालिक सिर्फ ब्रेकफास्ट ही परोस रहे हैं।
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