तेज आर्थिक प्रगति के बगैर विकसित भारत की बातें हवा हवाई : जीडीपी पर प्रियंका गांधी ने व्यक्त की चिंता, कहा- भाजपा सरकार आर्थिक मोर्चे पर लगातार असफल
देश भर में उद्योग-धंधे सिमट रहे हैं
जीडीपी की विकास दर कम होने का मतलब है कि देश में उद्योग-धंधे मंद पड़े हैं, रोजगार के अवसर खत्म हो रहे हैं और नौकरियां कम हैं।
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर घटने पर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि जब तक देश में आर्थिक विकास की दर तेज नहीं होगी, तब तक विकसित भारत की बातें करने का कोई मतलब नहीं है। वाड्रा ने कहा कि सरकार ने आज आर्थिक विकास का जो आंकड़ा पेश किया है, उसके अनुसार देश की आर्थिक विकास दर 2024-25 में साढे छह प्रतिशत है। जब तक आर्थिक विकास की रफ़तार तेज नहीं होगी तब तक देश की आर्थिक प्रगति की बात करने का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही। भाजपा सरकार आर्थिक मोर्चे पर लगातार असफल हो रही है। देश भर में उद्योग-धंधे सिमट रहे हैं।
औद्योगिक उत्पादन आठ महीने के निचले स्तर पर है। देश में भयंकर बेरोजगारी है। नयी नौकरियां पैदा नहीं हो रहीं। लोगों की आय घट रही है, आर्थिक असमानता तेजी से बढ़ रही है, इसलिए मांग और खपत भी घट रही है। तेज आर्थिक प्रगति के बगैर विकसित भारत की बातें हवा-हवाई हैं। कांग्रेस प्रवक्त सु्प्रिया श्रीनेत ने कहा किवित्तीय वर्ष 2025 में देश की आर्थिक विकास की दर 6.5 प्रतिशत रही, जो चार साल में सबसे कम है। विकसित भारत के लिए अगले 22 साल तक हर साल 8.2 प्रतिशत की विकास दर चाहिए। सरकार के लोग 7.4 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ का हवाला देकर बरगलाएंगे लेकिन सच यह नहीं है। पार्टी ने अपने एक्स हैंडल पर कहा कि अच्छे दिन की बात करने वाले मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को डुबाने पर तुली है। आंकड़े इस बात की साफ गवाही दे रहे हैं। जीडीपी की विकास दर कम होने का मतलब है कि देश में उद्योग-धंधे मंद पड़े हैं, रोजगार के अवसर खत्म हो रहे हैं और नौकरियां कम हैं।

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