वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे: सिर में लगातार दर्द हो रहा है तो सावधान, हो सकता है ब्रेन ट्यूमर, लेकिन हर ट्यूमर कैंसर नहीं
मौजूदा समय में तेजी से बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर
15 से 39 उम्र के रोगियों में 72 फीसदी और 40 से अधिक उम्र के रोगियों में 21 फीसदी सर्वाइवल रेट होता है। ऐसे में आज के समय में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, मरीज को हौसला प्रदान करना और उसे इलाज लेने के लिए प्रेरित करना।
ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। मौजूदा समय में ब्रेन ट्यूमर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। मगर इसके बाद भी इलाज लेने वालों की संख्या उतनी तेजी से नहीं बढ़ी, जितने मरीजों में ब्रेन ट्यूमर का पता चलता हैं। लगभग उसके आधे ही मरीज इलाज के लिए आगे जाते हैं। इस बीमारी को लेकर अफवाहें और इस रोग के लक्षणों की जानकारी ना होने के कारण आज अधिकांश रोगी उपचार से दूर हैं। ब्रेन ट्यूमर का मरीज को जैसे ही पता लगता है कि उसके दिमाग में एक ट्यूमर पल रहा है तो वह उसी समय टूट जाता है। इसका कारण समाज में फैली अवधारणाएं हैं।
66 फीसदी ट्यूमर कैंसर के नहीं होते: भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर के न्यूरो आॅन्कोलॉजिस्ट डॉ. नितिन द्विवेदी ने बताया कि लोग ब्रेन ट्यूमर के नाम से डरते हैं, लेकिन ये ट्यूमर दूसरे ट्यूमर से बिल्कुल अलग होते हैं। जांच में 66 फीसदी ट्यूमर सामान्य ट्यूमर होते हैं, इसलिए वे कैंसर के नहीं होते हैं। इसमें 15 साल से कम उम्र के रोगियों का सर्वाइवल रेट 75 फीसदी होता है। वहीं 15 से 39 उम्र के रोगियों में 72 फीसदी और 40 से अधिक उम्र के रोगियों में 21 फीसदी सर्वाइवल रेट होता है। ऐसे में आज के समय में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, मरीज को हौसला प्रदान करना और उसे इलाज लेने के लिए प्रेरित करना।
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