बीसीसीआई की महिला क्रिकेट को बड़ी सौगात, घरेलू खिलाड़ियों व अधिकारियों की मैच फीस में की ऐतिहासिक बढ़ोतरी
मैच अधिकारियों की भी फीस बढ़ी
बीसीसीआई ने घरेलू महिला क्रिकेटरों और मैच अधिकारियों की मैच फीस में बड़ी बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। सीनियर महिला खिलाड़ियों की फीस 20,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपए प्रतिदिन कर दी गई। जूनियर वर्ग और अंपायरों को भी लाभ मिलेगा। इस कदम से घरेलू महिला क्रिकेट को मजबूती मिलेगी।
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने घरेलू महिला क्रिकेटरों और मैच अधिकारियों की मैच फीस में बड़ी बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। यह फैसला भारत की ऐतिहासिक पहली महिला वनडे विश्व कप जीत के बाद लिया गया है, जिसका उद्देश्य घरेलू क्रिकेट में अधिक समान और न्यायसंगत वेतन संरचना तैयार करना है। इस प्रस्ताव को बोर्ड की एपेक्स काउंसिल ने मंजूरी दी।
दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी :
नई वेतन संरचना के तहत सीनियर महिला घरेलू क्रिकेटरों को अब प्रति दिन 50,000 रुपए मिलेंगे, जो पहले 20,000 रुपये थे। रिजर्व खिलाड़ियों को अब 25,000 रुपये प्रति दिन (पहले 10,000 रुपए) मिलेंगे।
जूनियर खिलाड़ियों को भी फायदा :
अंडर-23 और अंडर-19 वर्ग की महिला खिलाड़ियों की फीस भी बढ़ाई गई है। प्लेइंग खिलाड़ी को 25,000 प्रति दिन व रिजर्व खिलाड़ी को 12,500 प्रति दिन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।
सीनियर वनडे और मल्टी-डे टूनार्मेंट-प्लेइंग इलेवन : 50,000 प्रति दिन तथा रिजर्व खिलाड़ी को 25,000 प्रति दिन कर दिया गया।
राष्ट्रीय महिला टी-20 टूनार्मेंट :
प्लेइंग इलेवन के खिलाड़ियों को 25,000 प्रति मैच व रिजर्व खिलाड़ियों को 12,500 प्रति मैच। बीसीसीआई अधिकारियों के अनुसार, कोई शीर्ष घरेलू महिला क्रिकेटर अगर पूरे सीजन में सभी प्रारूपों में खेलती हैं, तो वह 12 से 14 लाख रुपये तक की कमाई कर सकती है।
बीसीसीआई की योजना :
बीसीसीआई का मानना है कि इस संशोधित वेतन संरचना से महिला क्रिकेटरों और घरेलू मैच अधिकारियों को बेहतर आर्थिक सुरक्षा और प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे देश के घरेलू क्रिकेट ढांचे को और मजबूती मिलेगी।
मैच अधिकारियों की भी फीस बढ़ी :
इस फैसले से अंपायर और मैच रेफरी जैसे मैच अधिकारियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। घरेलू लीग मैच के लिए उन्हें 40,000 प्रति दिन व नॉकआउट मैचों के लिए 50,000 से 60,000 प्रति दिन (मैच की अहमियत के अनुसार) भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा रणजी ट्रॉफी के लीग मैचों में अंपायरों की कमाई बढ़कर अब लगभग 1.60 लाख रुपये प्रति मैच हो जाएगी, जबकि नॉकआउट मुकाबलों में उन्हें 2.5 से 3 लाख रुपये की मैच फीस प्रदान की जाएगी।

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