टॉप्स खिलाड़ियों के भत्ते में ओलंपिक सत्र में हुई बढ़ोतरी, 6 महीने में समीक्षा की प्रक्रिया के तहत देने होंगे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक टेस्ट
शीर्ष रैंकिंग वाले एकल खिलाड़ी सुमित नागल भी इससे बाहर हो गए
खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) के लिए चुने गए खिलाड़ियों को इस ओलंपिक चक्र में अभ्यास और विदेश में स्पधार्ओं के दौरान मिलने वाले भत्ते में बढ़ोतरी की जाएगी
नई दिल्ली। खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) के लिए चुने गए खिलाड़ियों को इस ओलंपिक चक्र में अभ्यास और विदेश में स्पधार्ओं के दौरान मिलने वाले भत्ते में बढ़ोतरी की जाएगी, लेकिन उन्हें हर 6 महीने में समीक्षा की प्रक्रिया के तहत शारीरिक और मनोवैज्ञानिक टेस्ट देने होंगे। टॉप्स का कोर समूह 179 से घटाकर 94 कर दिया गया है और डेवलपमेंटल सूची में 112 खिलाड़ी हैं। एक ओलंपिक चक्र पूरा होने के बाद यह आम रूटीन होता है लेकिन तैराकी, स्क्वॉश, गोल्फ और टेनिस जैसे खेलों का कोर सूची में नाम नहीं है ।
कोर समूह के खिलाड़ी को दिए जाएंगे 50 हजार : कोर समूह में 52 पैरा एथलीट और 42 सामान्य एथलीट हैं। पेरिस पैरालम्पिक में भारत ने सात स्वर्ण समेत 29 पदक जीतकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था। सूची में शामिल खिलाड़ियों को विदेश में अभ्यास या स्पर्धा के दौरान 25 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन और 50000 रुपए (कोर समूह) और 25000 रुपए (डेवलपमेंटल समूह) महीना दिया जाएगा।
भारतीय खेल प्राधिकरण के मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) के एक सदस्य ने बताया, कोर समूह अगले ओलंपिक यानी 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक का अल्पकालिन लक्ष्य लेकर बनाया गया है जबकि डेवलपमेंटल समूह 2032 ओलंपिक और शायद 2036 को ध्यान में रखकर बनाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह भी कोशिश की जारही हैं कि चोटों में कमी आए। इसके लिए नियमित तौर पर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक टेस्ट होंगे। पहले भी टेस्ट होते थे, लेकिन अब हमने अवधि तय कर दी है और ये टेस्ट अनिवार्य होंगे। कोर सूची में कोई पुरूष मुक्केबाज नहीं है और एथलेटिक्स में भी तीन ही जगह बना सके हैं। खराब फॉर्म से जूझ रहे बैडमिंटन खिलाड़ी के श्रीकांत और अश्विनी पोनप्पा के अलावा भारत के शीर्ष रैंकिंग वाले एकल खिलाड़ी सुमित नागल भी इससे बाहर हो गए हैं।
रिकर्व तीरंदाज दीपिका कुमारी और भारोत्तोलक मीराबाई चानू इसमें जगह बनाने में कामयाब रही हैं जो हैरानी की बात है। दीपिका कई बार ओलंपिक में नाकाम रह चुकी हैं, जबकि टोक्यो में रजत पदक जीतने के बाद मीराबाई पेरिस में चौथे स्थान पर रही। दोनों 30 पार की हैं। दीपिका का ओलंपिक में भविष्य अनिश्चित है जबकि मीराबाई लगातार चोटों से जूझती रही हैं। मीराबाई की फिटनेस पर नजर रखी जाएगी।
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