खेल प्रबंधक की मॉनिटरिंग के लिए लगाई ड्यूटी, खोल दी खेल परिषद की व्यवस्थाओं की पोल, कर दी स्टेडियम की दुर्दशा की हकीकत बयां

चीफ स्पोर्ट्स ऑफिसर्स की ड्यूटी लगाई 

खेल प्रबंधक की मॉनिटरिंग के लिए लगाई ड्यूटी, खोल दी खेल परिषद की व्यवस्थाओं की पोल, कर दी स्टेडियम की दुर्दशा की हकीकत बयां

मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश और खेल विभाग की सख्ती के बाद राजस्थान खेल परिषद ने स्टेडियम की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए खेल प्रबंधकों और चीफ स्पोर्ट्स ऑफिसर्स की ड्यूटी लगाई।

जयपुर। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश और खेल विभाग की सख्ती के बाद राजस्थान खेल परिषद ने स्टेडियम की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए खेल प्रबंधकों और चीफ स्पोर्ट्स ऑफिसर्स की ड्यूटी लगाई। लेकिन पहले ही दिन खेल प्रबंधक शमीम अहमद की रिपोर्ट ने परिषद की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। शमीम अहमद ने अपनी रिपोर्ट में परिषद मुख्यालय की दुर्दशा का जिक्र करते हुए बताया कि कमरों में मकड़ी के जाले लगे हैं, सफाई का अभाव है और पानी की निकासी की समस्या के कारण बालकनी जर्जर हो चुकी है। शमीम अहमद की रिपोर्ट ने राजस्थान खेल परिषद की व्यवस्थाओं की सच्चाई को उजागर कर दिया है। अब देखना होगा कि खेल विभाग के अधिकारी इन समस्याओं के समाधान के लिए क्या कदम उठाता है।

शमीम ने अपनी रिपोर्ट में स्टेडियम परिसर के कई स्थानों को खतरनाक बताया। तीरन्दाजी मैदान के पीछे लम्बी रस्सी पड़ी है, जो दुर्घटना का कारण बन सकती है। वहीं आठ साल में भी पूरा नहीं बन सका खेल भवन खुला पड़ा है, जहां निर्माण सामग्री और खुले में रखे उपकरणों से हादसों की आशंका है। परिसर में मादक द्रव्यों के सेवन के अवशेष भी पाए गए हैं।

छात्रावासों में अव्यवस्था :

    1) खिलाड़ियों के लिए बनाए गए छात्रावासों में अव्यवस्थाओं का अंबार है।
    2) भोजन का स्तर बेहद खराब।
    3) भोजन कक्ष में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं।
    4) बिस्तर गंदे और बैड एक-दूसरे से सटे हुए।
    5) जगह-जगह गंदगी और कई दरवाजे खुले हैं, जो सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
    6) छात्रावासों का प्रभार लंबे समय से एक ही खेल प्रबंधक रणविजय सिंह के पास है।

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खेल मैदानों की स्थिति खराब : 

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    1) स्टेडियम परिसर के खेल मैदानों में प्राथमिक सुविधाओं का अभाव है।
    2) साफ-सफाई और ग्राउंड्समैन नहीं।
    3) प्राथमिक चिकित्सा और पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं।
    4) अनुबंधित प्रशिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा।
    5) परिसर में घूम रहे हैं आवारा कुत्ते।
    6) अभिभावकों के बैठने की कोई सुविधा नहीं।

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सुरक्षा और निगरानी का सुझाव :

शमीम ने रिपोर्ट में कबड्डी ग्राउंड, तीरंदाजी मैदान, बैडमिंटन हॉल, हैंडबॉल ग्राउंड, स्विमिंग पूल और हॉकी ग्राउंड के पास सफाई और रोशनी के अभाव को चिन्हित किया। उन्होंने इन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की सिफारिश की।

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