भारत में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या पहुंची 6000 के पार, 24 घंटों में राज्यों से आए 378 नए मामले, केरल सबसे ज्यादा संक्रमण से प्रभावित होने वाला राज्य
दिल्ली में इस संक्रमण के 21 नए मामले दर्ज किए गए
देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के लगभग 400 नए मामले सामने आए जिसके बाद इस संक्रमण के कुल सक्रिय मामलों की संख्या 6,000 हो गई है
नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के लगभग 400 नए मामले सामने आए जिसके बाद इस संक्रमण के कुल सक्रिय मामलों की संख्या 6,000 हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इस अवधि के दौरान देश में इस संक्रमण से 6 लोगों की मौत हुई, जिनमें से 3 मौतें केरल में हुई। अभी तक, भारत में 6,133 सक्रिय मामले हैं और कुल मौतों का आंकड़ा 65 है। केरल में सक्रिय मामलों की संख्या 2,000 के करीब पहुंच गई है और यह इस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला राज्य बन गया है। पिछले 24 घंटों में राज्यों से 378 नए मामले सामने आए। केरल के बाद गुजरात इस मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां 7 जून से 8 जून के बीच संक्रमण के 105 नए मामले दर्ज किए गए। राज्य में कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों की संख्या 820 से अधिक हो गई है। केरल में एक ही दिन में 144 मामलों की वृद्धि जेएन.1 वैरिएंट की उच्च संक्रामकता को रेखांकित करती है। एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 जैसे प्रोटीन म्यूटेशन, हालांकि हल्के लक्षणों से जुड़े हैं, लेकिन उनके तेजी से फैलने के लिए जाने जाते हैं।
पश्चिम बंगाल में 71 नए मामले सामने आए, जिससे इसके सक्रिय मामलों की संख्या 693 हो गई। दिल्ली में इस संक्रमण के 21 नए मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद यहां पर सक्रिय मामलों की संख्या 686 तक पहुंच गई। कर्नाटक में कोविड-19 के 75 नये मामले दर्ज किए गए। राज्य में अब तक इस संक्रमण से 366 लोग प्रभावित हुये हैं। महाराष्ट्र 600 मामलों के आंकड़े को छू रहा है।
केरल में हुई 3 मौतों में 51 वर्षीय एक मरीज ने किडनी ट्रांसप्लांट कराई थी। एक 64 वर्षीय व्यक्ति मधुमेह, कैंसर और किडनी की बीमारी से पीड़ित था और एक 92 वर्षीय व्यक्ति हृदय रोग और कैंसर से ग्रस्त था। सभी को श्वसन संबंधी जटिलताएं थीं और उनका कोविड-19 परीक्षण पॉजिटिव आया था। कर्नाटक में 2 मौतें हुईं, जिनमें 46 वर्षीय और एक 78 वर्षीय पुरुष शामिल हैं। दोनों को पहले से ही हृदय और फेफड़ों की बीमारी थी। इन मौतों के लिए श्वसन संबंधी जटिलताएँ प्रमुख कारण थीं। स्वास्थ्य अधिकारी नए वेरिएंट और स्थानीय स्तर पर संक्रमण में वृद्धि की चिंताओं के बीच स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं।
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