राज्यसभा में मनु सिंघवी को आवंटित सीट पर नोटों की गड्डी मिली, जांच जारी: धनकड़
आवंटित सीट संख्या 222 पर नोटों की एक गड्डी मिली और इस मामले की जांच की जारी
यह मामला मेरे संज्ञान में लाया गया था, और मैंने इस मामले की जांच के आदेश दिये हैं
नई दिल्ली। राज्यसभा सचिवालय के सुरक्षा अधिकारियों को गुरुवार शाम को कार्यवाही समाप्त होने के बाद नियमित जांच के दौरान कांग्रेस के सदस्य अभिषेक मुन सिंघवी को सदन में आवंटित सीट संख्या 222 पर नोटों की एक गड्डी मिली और इस मामले की जांच की जारी । सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद सदस्यों को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ''मैं सदस्यों को सूचित कर रहा हूं कि कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सदन की नियमित जांच के दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने सीट नंबर 222 से नोटों की एक गड्डी बरामद की थी, यह सीट अभी तेलंगाना राज्य से निर्वाचित अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है। यह मामला मेरे संज्ञान में लाया गया था, और मैंने इस मामले की जांच के आदेश दिये हैं।
उन्होंने कहा कि सदन को यह जानकारी देना उनका कर्तव्य था । उन्होंने कहा कि अभी तक इन नोटों को कोई भी लेने नहीं आया है। यह नहीं पता चला है कि ये नोट असली हैं या नकली हैं। पहली नजर में पता चला है कि शायद ये 500 के नोट हैं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और इसकी जांच कराने में किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन का रिकॉर्ड चेक करने पर पता चला है कि सिंघवी ने गुरुवार को इलेक्ट्रानिक प्रणाली से अपनी मौजूदगी के हस्ताक्षर किये हैं।
इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्यों विशेष रूप से कांग्रेस के सदस्यों ने इसका कड़ा प्रतिवाद किया। सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती और सच्चाई का नहीं पता चलता, इसमें किसी का नाम नहीं लिया जाना चाहिए। सभापति ने इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्होंने सीधे सदस्य का नाम नहीं लिया है और यह कहा है कि जिस सीट पर नोट मिले हैं, वह सिंघवी को आवंटित है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेण रिजिजू ने कहा कि यह गंभीर मामला है और इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में कोई इतने नोट नहीं लेकर आता और इस मामले की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सीट जिस सदस्य को आवंटित है उसका नाम लेने में ऐतराज नहीं होना चाहिए। खरगे ने कहा कि उन्हें मामले की जांच से कोई ऐतराज नहीं है लेकिन जांच से पहले किसी का नाम नहीं लिया जाना चाहिए। सदन के नेता जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि यह असाधारण और गंभीर घटना है तथा इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में पक्ष और विपक्ष की बात नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह सदन की गरिमा पर चोट के समान है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले को दबाने की कोशिश अनुचित है और इसकी जांच के बाद जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समूचे सदन को इस घटना की निंदा करनी चाहिए।
केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है और इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज सदन में नोट मिले हैं, आगे चलकर कोई संवदेनशील चीज भी मिल सकती है। उन्होंने आशंका जतायी कि यह किसी तरह की साजिश भी हो सकती है। विपक्षी सदस्यों द्वारा बार-बार शून्यकाल शुरू किये जाने की मांग पर नड्डा और गोयल ने कहा कि आम तौर पर शून्यकाल में बाधा पहुंचाने वाले विपक्ष को आज शून्यकाल की बहुत चिंता हो रही है। उन्होंने कहा कि सदन में अभी इस बात पर सहमति बनायी जानी चाहिए कि छोटे मोटे बेवजह के मुद्दों पर सदन में हंगामा नहीं किया जायेगा और विपक्ष शून्यकाल तथा प्रश्नकाल को नियमित रूप से चलने देगा।
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